संगम हादसा: मौनी अमावस्या पर उमड़ी भीड़, भगदड़ से मचा हड़कंप, जानें पूरी घटना की टाइमलाइन

संगम हादसा: मौनी अमावस्या पर उमड़ी भीड़, भगदड़ से मचा हड़कंप, जानें पूरी घटना की टाइमलाइन

प्रयागराज इस समय दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया है। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर करीब आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले से ही संगम में स्नान के लिए पहुंचने लगे थे। मंगलवार शाम से संगम नोज पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसमें कई श्रद्धालु रात 12 बजे से ही स्नान का इंतजार कर रहे थे

इसी दौरान रात करीब 2 बजे एक बड़ी भगदड़ मच गई, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक घायल हो गए। प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन हादसे के कारण अखाड़ों ने अमृत स्नान रोक दिया। आइए जानते हैं इस दुर्घटना की पूरी टाइमलाइन

मंगलवार शाम: भारी भीड़ का संगम नोज पर जमावड़ा

  • मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के लिए श्रद्धालु मंगलवार शाम से ही संगम क्षेत्र में पहुंचने लगे।
  • प्रशासन ने सुबह 5 बजे से स्नान शुरू करने की योजना बनाई थी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे।
  • श्रद्धालुओं को अपने नजदीकी घाटों पर स्नान करने की सलाह दी जा रही थी, लेकिन संगम नोज पर भीड़ लगातार बढ़ती गई।

रात 12 बजे: जगह नहीं बची, प्रशासन ने अपील की

  • आधी रात तक संगम क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया
  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान की इच्छा रखने वाले लाखों लोग संगम नोज पर पहुंच गए।
  • प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं से धैर्य रखने की अपील की गई, लेकिन भीड़ बढ़ती रही।

रात 2 बजे: भगदड़ मची, बैरिकेड्स टूटे

  • रात करीब 2 बजे अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ के दबाव से बैरिकेड्स टूट गए
  • श्रद्धालुओं की भीड़ ने बैरिकेड्स लांघने की कोशिश की, जिससे कई लोग नीचे गिर गए।
  • भगदड़ में लोगों के ऊपर लोग चढ़ गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।

रात 2:15 बजे: पुलिस-प्रशासन ने मोर्चा संभाला

  • भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया
  • घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस को अलर्ट कर दिया गया
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पल-पल की जानकारी ली और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

सुबह 4 बजे: अखाड़ों ने अमृत स्नान किया स्थगित

  • हादसे के चलते महानिर्वाणी और निरंजनी अखाड़े के संतों और नागा संन्यासियों ने अमृत स्नान रोक दिया
  • अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर ही स्नान किया जाएगा, अन्यथा इसे निरस्त कर दिया जाएगा

स्थिति अब नियंत्रण में, लेकिन चिंता बरकरार

  • प्रशासन के तत्काल हस्तक्षेप से स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन हादसे ने प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर कर दिया
  • श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और अव्यवस्थित इंतजामों के कारण यह हादसा हुआ, जिससे मौनी अमावस्या के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं।

Share This Article
Exit mobile version