खेलों की अपनी नीतियों को लेकर सरकार भले ही गुणगान करती रहे लेकिन खिलाड़ी हमेशा ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते आए हैं। अब फिर से एक बड़ी खिलाड़ी ने सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं।
ओलंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ी पहलवान साक्षी मलिक को सरकार ने अर्जुन अवार्ड देने से यह कह कर मना कर दिया कि उन्हें तो पहले खेल रत्न मिल चूका है। इस पर साक्षी मलिक ने केंद्र की सरकार से लेकर राज्य सरकार के निर्णयों पर सवाल खड़े किए हैं।
केंद्र पर सवाल : साक्षी मलिक ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री किरण रिजजू को संबोधित करते हुए लिखा है कि मुझे खेल रत्न से सम्मनित किया गया, इस पर मुझे गर्व है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह सारे पुरस्कार अपने नाम करे। खिलाड़ी इसके लिए अपनी जान की बाजी लगाते हैं। मेरा भी सपना है मेरे नाम के आगे अर्जुन पुरस्कार विजेता लगे। मैं ऐसा और कौनसा पुरस्कार लेकर आऊं कि मुझे अर्जुन अवार्ड से से सम्मानित किया जाए या कुश्ती जीवन में मुझे यह पुर्स्कात कभी जितने का मौका मिलेगा ही नहीं।
राज्य सरकार पर सवाल : साक्षी मलिक ने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, उनको न तो 500 गज जमीन दी और ना ही सरकारी नौकरी। इतने सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी ने आरोप लगाया है कि दुनिया के सबसे बड़े स्टेज पर सफल होने के बाद भी उनको सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन वादे के मुताबिक पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है. साक्षी ने 2016 के रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। साक्षी मलिक ने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, उनको न तो 500 गज जमीन दी और ना ही सरकारी नौकर। इतने सालों से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।
साक्षी ने कहा, “राज्य के खेल मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है, लेकिन वहां से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है कि काम हो रहा है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।”
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