मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 123 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। पार्टी ने अपने पिछले चुनाव परिणामों में बड़ी बढ़त हासिल की है।
इस चुनाव में भाजपा की जीत के बाद अब सभी की निगाहें नई सरकार के गठन पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
हालांकि, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस बार यूपी फॉर्म्युले को अपना सकती है। यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने दूसरी बार बहुमत हासिल किया था। इस बार भी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
मध्य प्रदेश में भी भाजपा इस फॉर्म्युले को अपनाकर एक नए चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है। इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व की राय महत्वपूर्ण होगी।
शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में तर्क
शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने पांच बार मुख्यमंत्री का पद संभाला है। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने विकास के कई आयाम छुए हैं।
इसके अलावा, चौहान के पास पार्टी के अंदर मजबूत पकड़ है। वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और कई वर्षों से मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं।
यूपी फॉर्म्युले के पक्ष में तर्क
यूपी फॉर्म्युले के तहत एक नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाता है। यह फॉर्म्युला पार्टी के अंदर नए चेहरों को आगे बढ़ाने के लिए अपनाया जाता है।
मध्य प्रदेश में भी भाजपा इस फॉर्म्युले को अपनाकर एक नए चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है। इससे पार्टी के अंदर नए चेहरों को प्रोत्साहन मिलेगा।
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