असम के नागांव जिले में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उन्हें बताद्रवा थान इलाके में स्थित श्रीमंत शंकरदेव मंदिर जाने से रोके जाने के आरोप उठे हैं। राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें पहले मंदिर जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन आज मना किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि मंदिर जाना उनका धार्मिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि उन्होंने क्या अपराध किया है जो उन्हें मंदिर नहीं जाने दिया जा रहा है।
मंदिर समिति ने राहुल गांधी को सोमवार को दोपहर तीन बजे के बाद आने को कहा था। समिति के प्रमुख जोगेंद्र देव महंत ने कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर कई संगठनों ने मंदिर परिसर में भक्ति कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मंदिर आएंगे, ऐसे में राहुल गांधी को दोपहर तीन बजे के बाद मंदिर आने को कहा गया है।
हालांकि, राहुल गांधी ने इस बात पर सवाल उठाया है कि उन्हें पहले सुबह 7 बजे आने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि अचानक से तीन बजे के बाद आने की बात कही जा रही है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मंदिर जाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 11 जनवरी से मंदिर जाने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति ने पहले सुबह 7 बजे आने की अनुमति दी थी, लेकिन बाद में तीन बजे के बाद आने की बात कही गई।
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह राज्य सरकार के दबाव में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मंदिर जाने की कोशिश करेंगे, लेकिन तीन बजे के बाद जाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि उन्हें आगे भी दूरी तय करनी है।
इस मामले पर अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि वह मंदिर जाने के लिए नाटक कर रहे हैं। बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी को मंदिर जाने में कोई दिक्कत नहीं है।
कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को खारिज किया है। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी मंदिर जाने के लिए सचेत हैं। कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी को मंदिर जाने से रोकने के पीछे बीजेपी का डर है।
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