PM Modi Russia Visit: इस समय वैश्विक समुदाय की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर है। जब से पीएम मोदी रूस पहुंचे हैं, तब से अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों की नजरें इस दौरे पर टिकी हुई हैं। अब चीन ने भी पीएम मोदी की इस यात्रा पर अपना बयान दे दिया है।
चीन का बयान: पश्चिमी देशों को हो रही परेशानी
चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स अखबार ने पीएम मोदी की रूस यात्रा और इसके पश्चिमी देशों पर प्रभाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। चीन ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की रूस से अच्छी दोस्ती से हमें नहीं बल्कि पश्चिमी देशों को परेशानी हो रही है।
पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा
तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और खुलकर बातचीत की। आज, मंगलवार को दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक होगी।
Растущие возможности Индии дали надежду всему миру pic.twitter.com/be9cMM4i59
— Narendra Modi (@narendramodi) July 9, 2024
पश्चिमी देशों की बारीकी से नजर
चीन ने कहा कि पश्चिमी मीडिया पीएम मोदी की इस यात्रा पर बारीकी से नजर रख रहा है। चीन ने कहा कि रूस के चीन के साथ बढ़ते संबंध संभावित रूप से भारत और रूस के संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।
पश्चिमी देशों की बढ़ती टेंशन
चीन के अनुसार, मॉस्को और नई दिल्ली के गहरे होते संबंध पश्चिमी देशों की चिंताओं को बढ़ा रहे हैं। पश्चिमी मीडिया पीएम मोदी की इस यात्रा पर कड़ी नजर बनाए हुए है। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा है। VOA सहित कुछ मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया है कि मोदी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि चीन के साथ रूस के संबंधों का भारत के साथ उसके संबंधों पर असर न पड़े।
किसका डर सता रहा है?
चीन का कहना है कि पश्चिम को भारत-रूस के गहरे होते संबंधों की चिंता ज्यादा है। सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लॉन्ग जिंगचुन ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि चीन रूस-भारत के करीबी संबंधों को खतरे के रूप में नहीं देखता है, जबकि पश्चिमी देश इससे असंतुष्ट हैं।
पश्चिमी दबाव के बावजूद भारत का फैसला
चीन ने कहा कि पश्चिमी देशों ने भारत को अपने खेमे में खींचने और चीन के प्रभाव को संतुलित करने का प्रयास किया है, लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बनाए रखा है। पश्चिमी दबाव के बावजूद, पीएम मोदी ने अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद रूस को अपनी पहली विदेश यात्रा का गंतव्य चुना।
भारत की रूस यात्रा का महत्व
चीन के अनुसार, पीएम मोदी का यह कदम न केवल रूस के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ व्यवहार में भारत की ताकत को बढ़ाना भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लिए रूस के साथ स्थिर संबंध बनाए रखना और रक्षा उद्योग में सहयोग जारी रखना महत्वपूर्ण है।