हिसार और भिवानी की दो बेटियां, नेहा और पूजा, अपने फुटबाल के जुनून से देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं।
हिसार के मंगाली गांव की नेहा जब 10 साल की थी, तभी से फुटबाल का जुनून सवार था। पिता धर्मबीर ने उसकी जिद पर फुटबाल लाकर दिया और फिर क्या था, नेहा ने पांचवीं कक्षा से ही गोलपोस्ट में शानदार किक मारनी शुरू कर दी। अब 17 साल की नेहा अंडर-19 भारतीय फुटबाल टीम का हिस्सा हैं और बांग्लादेश में होने वाले साउथ एशियन गेम्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए तैयार हैं।
भिवानी के अलखपुरा की पूजा भी गोल करने में माहिर हैं। खेलते समय इनका लक्ष्य सिर्फ गोल करना होता है। पूजा अलखपुरा के फुटबाल ग्राउंड में कोच सोनिका बिजाणिया के पास करीब 10 साल से प्रैक्टिस कर रही हैं।
दोनों खिलाड़ी फारवर्ड हैं और बाएं पैर से किक लगाती हैं। नेहा 2022 में अंडर-17 वर्ल्ड कप भी खेल चुकी हैं। पूजा ने वर्ष 2023 में अंडर-17 स्कूली नेशनल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
भारत का पहला मैच 2 फरवरी को भूटान के साथ होगा।
नेहा की मां सुमित्रा का कहना है कि आज बेटियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है।
यह निश्चित रूप से एक प्रेरणादायक कहानी है जो अन्य लड़कियों को भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।
आइए, हम इन बेटियों का हौसला बढ़ाएं और उन्हें सफलता की ओर अग्रसर होने में मदद करें।
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