मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की का पाकिस्तान में निधन: जानें, कैसे बना ग्लोबल आतंकी

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की का पाकिस्तान में निधन: जानें, कैसे बना ग्लोबल आतंकी

मुंबई हमले और लाल किले पर हमले में शामिल आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की पाकिस्तान के लाहौर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और हाई शुगर की समस्या के कारण एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।

अब्दुल मक्की आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का डिप्टी चीफ और लश्कर-ए-तैयबा के फंडिंग नेटवर्क का प्रमुख सदस्य था। 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया था।

कौन था अब्दुल रहमान मक्की?

  • जन्मस्थान: मक्की का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था।
  • पारिवारिक संबंध: वह आतंकी हाफिज सईद का रिश्तेदार और नजदीकी सहयोगी था।
  • आतंकी संगठनों में भूमिका: मक्की ने जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा में कई अहम पदों पर काम किया। वह लश्कर की गवर्निंग बॉडी “शूरा” का सदस्य भी था।
  • हमलों में भूमिका: भारतीय एजेंसियों ने उसे 2000 के लाल किले और 2008 के मुंबई ताज होटल पर आतंकी हमलों के लिए आरोपी माना था।

अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई और मक्की पर इनाम

  • अमेरिका की कार्रवाई: 2010 में अमेरिकी वित्त विभाग ने मक्की को “स्पेशल डेजिग्नेटेड आतंकी” की सूची में डाला और उसके ऊपर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा।
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा ग्लोबल आतंकी घोषित: भारत और अमेरिका के प्रयासों के बावजूद, 2022 में चीन ने मक्की को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। लेकिन जनवरी 2023 में चीन ने अपनी रोक हटा ली, जिसके बाद मक्की को ग्लोबल आतंकी सूची में शामिल किया गया।

मक्की की गिरफ्तारी और रिहाई

  • 2019 की गिरफ्तारी: अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान की पुलिस ने मक्की को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया।
  • सजा और रिहाई: अप्रैल 2021 में उसे 9 साल की सजा सुनाई गई, लेकिन सबूतों की कमी का हवाला देते हुए लाहौर हाईकोर्ट ने कुछ महीनों बाद उसे रिहा कर दिया।

मक्की की मौत और उसकी विरासत

अब्दुल रहमान मक्की ने आतंकी फंडिंग, हमलों की योजना बनाने और चरमपंथी विचारधाराओं को फैलाने में अहम भूमिका निभाई। मुंबई और लाल किले जैसे हमलों के जरिए उसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। उसकी मौत को आतंकवाद के खिलाफ एक अहम मोड़ माना जा रहा है।

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