Mirzapur 3 Review: कालीन भैया के ढीले तेवर और गुड्डू पंडित की मुश्किलें, शरद शुक्ला ने बढ़ाई चुनौतियां

Mirzapur 3 Review

Mirzapur 3 Review:

नाम: मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur 3)

रेटिंग: 3/5

कलाकार: पंकज त्रिपाठी, अली फजल, अंजुम शर्मा, श्वेता त्रिपाठी शर्मा, रसिका दुग्गल, ईशा तलवार, प्रियांशु पेन्युली, हर्षिता गौड़, राजेश तैलंग, शीबा चड्ढा

निर्देशक: गुरमीत सिंह, आनंद अय्यर

निर्माता: फरहान अख्तर, रितेश सिधवानी

लेखक: अपूर्व धर बडगाइयान

रिलीज डेट: 5 जुलाई 2024

प्लेटफॉर्म: प्राइम वीडियो

भाषा: हिंदी

बजट: जानकारी उपलब्ध नहीं

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मिर्जापुर का पहला सीजन 2018 में प्राइम वीडियो पर आया था। दूसरा सीजन 2020 में रिलीज हुआ और अब चार साल बाद तीसरा सीजन स्ट्रीम किया गया है। सवाल यह है कि क्या यह सीजन इतने लंबे इंतजार की कसौटी पर खरा उतरता है? क्या गुड्डू पंडित और कालीन भैया के भौकाल की उम्मीदें पूरी हुई हैं?

तीसरे सीजन की कहानी क्या है?

तीसरे सीजन की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां दूसरा सीजन खत्म हुआ था। मुन्ना (दिव्येंदु) और कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) को मारने के बाद गुड्डू (अली फजल) ने त्रिपाठी आवास को ही अपना घर बना लिया है। उसके सारे जरूरी फैसले गोलू गुप्ता (श्वेता त्रिपाठी) लेती है। कालीन भैया की मौत पर उसे अभी भी यकीन नहीं है और तलाश जारी है।

पूर्वांचल में होने वाले अफीम, अवैध हथियार और दूसरे काले धंधों पर उसी की हुकूमत चलेगी, जो मिर्जापुर की गद्दी पर बैठेगा। मगर, गुड्डू को यह गद्दी कमानी होगी।

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स्क्रीनप्ले और निर्देशन

औसतन 50 मिनट प्रति एपिसोड की अवधि वाले सीजन में कुल 10 एपिसोड्स हैं। अपूर्व धर बडगाइयान ने शो का लेखन किया है, जबकि गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर का निर्देशन है। पहले एपिसोड की शुरुआत मुन्ना के अंतिम संस्कार से होती है और इसी के साथ शो के ह्यूमर का भी अंत हो जाता है।

कलाकारों का प्रदर्शन

गुड्डू पंडित का पागलपन इस सीजन में ज्यादा खूंखार हुआ है और अली फजल ने किरदार के इस पहलू को बखूबी पेश किया है। अली ने किरदार की मानसिक अवस्था को समझते हुए उसकी बारीकियों को शानदार तरीके से निभाया है। तीसरे सीजन में कालीन भैया का किरदार खुद को हारा हुआ महसूस करता है और फिर वापसी करता है, पंकज त्रिपाठी ने इस ट्रांसफॉर्मेशन को बखूबी निभाया है।

गजगामिनी यानी गोलू गुप्ता के किरदार में श्वेता त्रिपाठी को इस सीजन में अच्छे दृश्य मिले हैं और उन्होंने उनका फायदा उठाया है। अन्य कलाकारों में अंजुम शर्मा, ईशा तलवार, विजय वर्मा, रसिका दुग्गल, शीबा चड्ढा, हर्षिता गौड़, प्रियांशु पेन्युली, मनु ऋषि और मेघना मलिक ने भी अपने किरदारों को शानदार तरीके से निभाया है।

तीसरा सीजन ‘कालीन भैया वर्सेज गुड्डू पंडित’ से ज्यादा ‘गुड्डू पंडित वर्सेज गुड्डू पंडित’ है, क्योंकि इस किरदार की अप्रत्याशितता कहानी को शॉकिंग टर्न्स देती है। सब-प्लॉट्स ज्यादा होने के कारण कुछ किरदार अधूरे रहते हैं। गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर ने दृश्यों को क्रूर और हिंसक बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

संभावित चौथा सीजन

गुड्डू और गोलू का मिलन और कालीन भैया की वापसी के कारण चौथे सीजन की संभावनाएं बनी रहती हैं। मगर, कहानी क्या मोड़ लेगी, यह देखना दिलचस्प होगा