विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है कि रूस में फंसे भारतीयों को लेकर सरकार गंभीर है और धोखेबाजों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि कई भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में काम करने के लिए धोखा दिया गया है और ऐसे लोगों की शीघ्र रिहाई के लिए रूस के समक्ष मामला दृढ़ता से उठाया गया है।
रणधीर जयसवाल ने कहा कि झूठे वादे करके लोगों को भर्ती करने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम कर रहे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और उनके घर लौटने के लिए प्रतिबद्ध है।
जयसवाल ने कहा कि अब तक लगभग 20 लोगों ने सरकार से संपर्क किया है और उनका पता लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार रूसी अधिकारियों के संपर्क में है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अभी अफगानिस्तान के दौरे पर है। उन्होंने कहा कि भारत ने जून में काबुल में अपना तकनीकी मिशन खोला था।
यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने अफगान अधिकारियों के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बैठकें कीं। प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से भी मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के लोगों को भारत की मानवीय सहायता पर चर्चा की और अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर भी चर्चा की। जयसवाल ने कहा कि भारत के अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।
रणधीर जयसवाल ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 11-13 मार्च तक राजकीय यात्रा पर जाएंगी। इस दौरान मॉरीशस का शीर्ष नेतृत्व राष्ट्रपति मुर्मू के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
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