माफिया सुभाष ठाकुर को जेल भेजा गया: पांच साल तक BHU अस्पताल में बना रहा ठिकाना
आजीवन कारावास की सजा काट रहा कुख्यात माफिया सुभाष ठाकुर आखिरकार पांच वर्षों बाद बीएचयू अस्पताल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल द्वारा गठित 12 डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने उसे पूरी तरह स्वस्थ पाया, जिसके बाद जेल भेजने का आदेश जारी किया गया।
पांच साल तक अस्पताल में बना रखा था ठिकाना
वाराणसी के फूलपुर के नेवादा गांव का रहने वाला सुभाष सिंह ठाकुर उर्फ सुभाष राय उर्फ बाबा 1990 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड का कुख्यात नाम रहा है और दाऊद इब्राहिम का करीबी माना जाता था। दिसंबर 2019 में वह किडनी, पेट संक्रमण और आंख की बीमारी का बहाना बनाकर बीएचयू में भर्ती हुआ और वहीं डेरा डाल लिया।
बीते पांच वर्षों में एक एसएसपी और दो पुलिस कमिश्नर बदले, लेकिन किसी ने भी उसकी अस्पताल में उपस्थिति पर सवाल नहीं उठाया। 11 महीने के कार्यकाल के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को इस मामले की जानकारी मिली, जिसके बाद कार्रवाई तेज कर दी गई।
12 डॉक्टरों की मेडिकल जांच के बाद भेजा गया जेल
पुलिस महानिदेशक (जेल) पीवी रामाशास्त्री ने इस मामले में पत्र लिखकर पुलिस को सतर्क किया था। आमतौर पर मेडिकल टीम में तीन डॉक्टरों का पैनल होता है, लेकिन इस बार बीएचयू मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक विशेष टीम गठित की, जिसने जांच में पाया कि सुभाष ठाकुर पूरी तरह स्वस्थ है।
हालांकि, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी 18 घंटे तक उसने खुद को बीमार बताकर वहीं रहने की कोशिश की, लेकिन वाराणसी पुलिस की सख्ती के बाद आखिरकार उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
मुंबई के जेजे अस्पताल हत्याकांड में आया था नाम
सुभाष ठाकुर ने मुंबई में बिल्डरों से रंगदारी वसूलने और सुपारी लेकर हत्याएं करने का अपराधी नेटवर्क तैयार किया था। वह दाऊद के लिए पूर्वांचल से ऐसे शूटर मुहैया कराता था, जिनका पुलिस रिकॉर्ड में नाम नहीं होता था।
12 सितंबर 1992 को दाऊद के बहनोई इस्माइल इब्राहिम पारकर की हत्या का बदला लेने के लिए सुभाष ठाकुर के गुर्गों ने मुंबई के जेजे अस्पताल में फायरिंग कर अरुण गवली गिरोह के शूटर शैलेश और दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद से अलग हुआ, 2017 में मांगी थी सुरक्षा
1993 मुंबई बम धमाकों के बाद सुभाष ठाकुर और दाऊद के संबंध खत्म हो गए। 2017 में उसने वाराणसी कोर्ट में खुद को दाऊद से खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी।