CBI की बड़ी कार्रवाई: 150 करोड़ से ज्यादा के घोटाले में शामिल दो भगोड़े भारत लाए गए
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इंटरपोल रेड नोटिस के तहत थाईलैंड से दो भगोड़ों को भारत लाया गया है, जो तमिलनाडु और गुजरात में विभिन्न आर्थिक अपराधों में वांछित थे। सीबीआई ने इस पूरी कार्रवाई का समन्वय किया, जिससे दोनों आरोपियों को भारतीय एजेंसियों के हवाले किया जा सका।
87 करोड़ की पोंजी स्कीम में आरोपी जनार्दन सुंदरम गिरफ्तार
तमिलनाडु पुलिस को लंबे समय से जनार्दन सुंदरम की तलाश थी, जो एक बड़ी पोंजी स्कीम के तहत निवेशकों से 87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोपी है। इंटरपोल के रेड नोटिस के आधार पर उसे बैंकॉक से भारत भेजा गया, जहां तमिलनाडु पुलिस ने कोलकाता हवाई अड्डे पर उसे हिरासत में ले लिया।
सीबीआई के अनुसार, जनार्दन सुंदरम के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, विश्वासघात और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के तहत मामला दर्ज किया था। तमिलनाडु पुलिस के अनुरोध पर 21 जून 2023 को सीबीआई ने इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करवाया था।
77 करोड़ की जालसाजी में शामिल वीरेंद्रभाई पटेल गिरफ्तार
दूसरे ऑपरेशन में सीबीआई ने इंटरपोल रेड नोटिस के जरिए वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल को गिरफ्तार किया, जो 77 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में वांछित था। गुजरात पुलिस ने 2002 में उसके खिलाफ आपराधिक साजिश, दस्तावेजों की जालसाजी, जाली दस्तावेजों का उपयोग और धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में केस दर्ज किया था।
वीरेंद्रभाई को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई के अनुसार, गुजरात पुलिस के अनुरोध पर उसके खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किया गया था, जिससे उसे भारत लाना संभव हो पाया।
CBI की इंटरनेशनल स्तर पर बड़ी कामयाबी
यह कार्रवाई इंटरनेशनल स्तर पर सीबीआई की बड़ी सफलता मानी जा रही है। एजेंसी ने इंटरपोल और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इन भगोड़ों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस ऑपरेशन से साफ है कि भारत सरकार और जांच एजेंसियां वित्तीय अपराधियों को देश में लाकर कानूनी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।