लखीमपुर खीरी हिंसा: गवाहों को धमकाने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को गवाहों को धमकाने के आरोपों पर नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मिश्रा से हलफनामा दायर कर आरोपों पर जवाब मांगा है।
गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई इस हिंसा में आठ लोगों की जान गई थी। आशीष मिश्रा, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा है, मुख्य आरोपी है और फिलहाल जमानत पर बाहर है। सुप्रीम कोर्ट में एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आशीष मिश्रा गवाहों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
मिश्रा के वकील ने इन आरोपों को खारिज किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चार हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी रखी थी शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को आशीष मिश्रा को जमानत देते समय यह निर्देश दिया था कि वह दिल्ली और लखनऊ में न रहें ताकि गवाहों को प्रभावित न कर सकें। हालांकि, 26 सितंबर को शीर्ष अदालत ने मिश्रा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में रहने की अनुमति दे दी थी। साथ ही, निचली अदालत को मामले की जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया गया था।
2021 की घटना ने मचाई थी सनसनी
यह मामला 3 अक्टूबर 2021 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे के विरोध में किसानों के प्रदर्शन के दौरान घटित हुआ था। इस दौरान एक कार ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। हिंसा में एक पत्रकार की भी जान गई थी। इसके बाद गुस्साए किसानों ने कार के ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला था।