वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में पेश होगी जेपीसी रिपोर्ट, विपक्ष ने जताई आपत्ति
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जाएगी। कार्यसूची के अनुसार, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल और संजय जायसवाल इस रिपोर्ट को समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों के रिकॉर्ड के साथ प्रस्तुत करेंगे।
स्पीकर के सामने पेश होगी रिपोर्ट
इससे पहले, जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill 2024) पर समिति की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया गया है। खासतौर पर इस विधेयक में एक नया खंड जोड़ा गया है, जिसमें वक्फ का लाभ गरीबों, महिलाओं और अनाथों को देने की बात कही गई है।
विपक्ष ने जताई नाराजगी
भाजपा सांसद पाल ने बताया कि जेपीसी के समक्ष कुल 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। बहुमत से मतदान के बाद इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। जेपीसी ने 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को मंजूरी दी थी।
हालांकि, विपक्ष ने इस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि उनके असहमति नोट को जेपीसी रिपोर्ट से हटा दिया गया। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने एक विस्तृत असहमति नोट प्रस्तुत किया था, लेकिन उनके कुछ टिप्पणियों को उनकी जानकारी के बिना संपादित कर दिया गया। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि जेपीसी अध्यक्ष विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
वक्फ अधिनियम पर लगातार उठते रहे हैं सवाल
1995 में लागू वक्फ अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करना था, लेकिन इसे लेकर भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अतिक्रमण के आरोप लगातार लगते रहे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का उद्देश्य इन समस्याओं को दूर करने के लिए डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट और अवैध कब्जों को हटाने जैसे सुधारों को लागू करना है।