फिल्म ‘सारांश’ के 40 साल पूरे होने पर महेश भट्ट और अनुपम खेर ने एक इवेंट में फिल्म से जुड़ी यादें साझा कीं।
महेश भट्ट ने बताया कि जब गजल गायक जगजीत सिंह के बेटे का निधन हुआ था, तब उन्हें अपने बेटे की डेडबॉडी हासिल करने के लिए जूनियर ऑफिसर्स को रिश्वत देनी पड़ी थी।
यह घटना 1990 में हुई थी जब जगजीत सिंह के 20 साल के बेटे विवेक का लंदन में एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था।
महेश भट्ट ने कहा कि इस घटना के बाद जगजीत सिंह को उनकी फिल्म ‘सारांश’ की अहमियत समझ आई थी, जिसमें एक आम आदमी अपनों की बॉडी हासिल करने के लिए भी संघर्ष करता है।
फिल्म ‘सारांश’ 1984 में रिलीज हुई थी और इसमें अनुपम खेर ने 60 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया था जो भ्रष्टाचार से लड़ता है।
यह फिल्म अनुपम खेर की डेब्यू फिल्म थी और उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 28 साल थी।
इस घटना के बाद जगजीत सिंह ने गायन से ब्रेक ले लिया था और उनकी पत्नी चित्रा सिंह ने गाना ही छोड़ दिया था।
महेश भट्ट और अनुपम खेर ने ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘डैडी’ जैसी फिल्मों में भी साथ काम किया है।
यह घटना एक बार फिर से भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करती है, जो हर स्तर पर मौजूद है।
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