भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की स्थापना के 58 साल पूरे होने पर 39वीं वाहिनी, ग्रेटर नोएडा में बल स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जी किशन रेड्डी, गृह राज्योमंत्री, भारत सरकार, मुख्य अतिथि ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रेड्डी ने सभी पदाधिकारियों को आईटीबीपी की स्थापना के 58 साल पूरे होने पर बधाई दी और हिमवीरों की प्रशंसा की।
उन्होंने आईटीबीपी द्वारा कोविड के दौर में की जा रही सेवाओं का विशेष तौर पर ज़िक्र किया और कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण से लोहा लेते हुए आईटीबीपी ने स्वयं पहल करके कई अवसरों पर क्वारंटाइन केंद्र बनाने से लेकर विश्व के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर तक स्थापित और संचालित करके मिसाल कायम की है। एसएस देसवाल, महानिदेशक आईटीबीपी ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। आईटीबीपी के अनेकों पदाधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से विभूषित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में आईटीबीपी की बटालियन्स द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य के आधार 10वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ बॉर्डर बटालियन, 26वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ नॉन बॉर्डर बटालियन और 53वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ एएनओ बटालियन, 36वीं वाहिनी को सर्वश्रेष्ठ ग्रीन बटालियन, और 41 वीं वाहिनी को स्वच्छता के लिए सर्वोत्तम बटालियन घोषित किया गया और ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। आरटीसी करेरा और शिवगंगई को संयुक्त तौर पर बेस्ट ट्रेनिंग सेंटर की ट्राफी से सम्मानित किया गया। कांस्टेबल पी एच सोनिया देवी को बेस्ट स्पोर्ट्स पर्सन 2020 की ट्राफी प्रदान की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि द्वारा वर्षभर की उपलब्धियों को संजोए एक वार्षिक विशेषांक पुस्तिका और उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों, संस्थानों, मंदिरों आदि के बारे में संक्षिप्त जानकारी समावेशित किए एक पुस्तक ‘देवभूमि उत्तराखंड’ का डिजिटल ई पब्लिकेशन किया गया। आईटीबीपी द्वारा इस मौके पर गृह मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा कोविड-19 पर जारी किए गए सभी दिशा निर्देशों का पालन सख्ती से पालन किया गया। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा गया।
इस वर्ष की परेड में किसी मार्च पास्ट या प्रदर्शन आदि का आयोजन नहीं हुआ। आईटीबीपी का गठन 24 अक्टूबर, 1962 को भारत चीन युद्ध के दौरान किया गया था। वर्तमान में यह बल उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों में स्थित अग्रिम चैकियों पर तैनात रहकर 3,488 किमी लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा का कार्य कर रहा है। इसके अलावा यह नक्सल प्रभावित इलाकों के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा व वीआईपी सुरक्षा ड्यूटियों में भी तैनात है।
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