डी-डॉलरीकरण पर ट्रंप की धमकी को इस्राइल का समर्थन, मंत्री नीर बरकत बोले- भारत इस रास्ते पर नहीं जाएगा

डी-डॉलरीकरण पर ट्रंप की धमकी को इस्राइल का समर्थन, मंत्री नीर बरकत बोले- भारत इस रास्ते पर नहीं जाएगा

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिक्स देशों को डी-डॉलरीकरण के मुद्दे पर चेतावनी देने के बाद इस्राइल ने उनका समर्थन किया है। इस्राइल के मंत्री नीर बरकत ने ट्रंप की इस पहल को “मुक्त विश्व के हित” में बताते हुए कहा कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था किसी वैकल्पिक मुद्रा का हिस्सा नहीं बनेगी।

डॉलर व्यवस्था को बताया मुक्त विश्व के लिए लाभकारी

मंत्री नीर बरकत ने कहा, “मुझे लगता है कि डॉलर में व्यापार करना मुक्त विश्व के सर्वोत्तम हित में है। यह एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत इस प्रकार की किसी वैकल्पिक मुद्रा का हिस्सा नहीं बनेगा, और इस्राइल भी ऐसा नहीं करेगा।”

उन्होंने ट्रंप की नीति का समर्थन करते हुए इसे पश्चिमी लोकतंत्रों और वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक बताया। बरकत ने आगे कहा, “यह कदम न केवल इस्राइल के हित में है, बल्कि पूरे मुक्त विश्व के लिए भी लाभदायक है।”

ब्रिक्स देशों की डी-डॉलरीकरण पहल

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) समूह ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए डॉलर के विकल्प तलाशने की संभावना व्यक्त की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी कि अगर कोई देश डॉलर की प्रधानता को चुनौती देता है, तो उसे भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने डी-डॉलरीकरण को “आर्थिक युद्ध” के रूप में पेश किया है।

भारत-इस्राइल के लिए फायदे की बात

मंत्री बरकत ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप अपनी आर्थिक और भू-राजनीतिक नीतियों को एक साथ जोड़ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि जो देश अमेरिका के विरोधी हैं, उन्हें भारी करों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, सहयोगी देशों के लिए अमेरिका के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। इस्राइल और भारत के साथ अमेरिका के अच्छे संबंध होने से इन दोनों देशों को बड़ा लाभ होगा।”