ISRO-NASA के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का अंतर्राष्ट्रीय मिशन

ISRO-NASA के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का अंतर्राष्ट्रीय मिशन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नासा के संयुक्त प्रयासों के तहत, भारत के गगनयात्री पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मिशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। यह मिशन ‘एक्सिओम-4’ के तहत होगा, जिसमें भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्राइम पायलट और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को बैकअप पायलट के रूप में चुना गया है। दोनों गगनयात्रियों ने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

प्रारंभिक प्रशिक्षण में शामिल गतिविधियां

  1. मिशन परिचय: गगनयात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान की प्रणालियों का प्रशिक्षण दिया गया।
  2. आवश्यक फिटिंग और चयन: स्पेसएक्स सूट की फिटिंग जांच और अंतरिक्ष भोजन के विकल्पों का चयन किया गया।
  3. आपात स्थिति प्रबंधन: चिकित्सकीय आपात स्थितियों और अन्य संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी गई।
  4. दैनिक कार्य दिनचर्या: अंतरिक्ष में फोटोग्राफी और संचार प्रोटोकॉल पर भी सत्र आयोजित हुए।

मिशन का उद्देश्य और सहयोग

  • यह मिशन भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के सहयोग को मजबूत करेगा।
  • गगनयात्री सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण (microgravity) वातावरण में वैज्ञानिक शोध और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोग करेंगे।
  • नासा और इसरो के बीच यह सहयोग भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा।

गगनयात्रियों का परिचय

  1. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
    • जन्म: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
    • उपलब्धियां: फाइटर पायलट और टेस्ट पायलट; 2000 घंटे उड़ान का अनुभव।
  2. ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर
    • जन्म: तिरुवजियाड, केरल
    • उपलब्धियां: कैट-ए फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर; 3000 घंटे उड़ान अनुभव।

‘एक्सिओम-4’ मिशन की खासियत

  • यह नासा का चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जिसे अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस संचालित कर रही है।
  • मिशन के तहत गगनयात्री 14 दिनों तक ISS पर काम करेंगे।