साइबर ठगी का बढ़ता खतरा: पढ़े-लिखे और पेशेवर भी बन रहे शिकार, डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए रहें सतर्क
देश में साइबर अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हर दिन सैकड़ों लोग अपनी मेहनत की कमाई साइबर ठगों के हाथों गवां रहे हैं। यह धारणा कि केवल अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे लोग ही ऐसे अपराधों का शिकार होते हैं, अब पूरी तरह गलत साबित हो रही है। आज के समय में उच्च शिक्षित और पेशेवर लोग भी डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
पढ़े-लिखे लोग भी नहीं हैं सुरक्षित
हाल ही में नवंबर 2024 में दिल्ली में एक रिटायर्ड इंजीनियर 10 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का शिकार हो गया। इंजीनियर, जो तकनीकी ज्ञान और अनुभव से लैस था, साइबर अपराधियों द्वारा “डिजिटल अरेस्ट” में फंस गया। उसे आठ घंटे तक फर्जी कानूनी झंझटों में उलझाया गया, जिसके दौरान उसने अपनी जीवनभर की कमाई खो दी।
यह घटना बताती है कि साइबर अपराधी अब अत्यधिक शिक्षित और पेशेवर लोगों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं। वे उनके विश्वास और भय का लाभ उठाकर बड़े स्तर पर धोखाधड़ी कर रहे हैं।
साइबर ठगी के मामले: प्रमुख घटनाएं
केस 1: सेवानिवृत्त इंजीनियर को 10 करोड़ रुपये का नुकसान
दिल्ली के एक रिटायर्ड इंजीनियर को विदेश से एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को सरकारी अधिकारी बताया और पीड़ित को एक फर्जी अपराध मामले में फंसाने का डर दिखाया। ठगों ने उसे घंटों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उसे अपने बैंक खातों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। इस घटना ने साबित कर दिया कि तकनीकी ज्ञान भी आपको साइबर अपराध से सुरक्षित नहीं रख सकता।
केस 2: डॉक्टर का बैंक खाता खाली
मुंबई में एक वरिष्ठ डॉक्टर को एक मैसेज के जरिए बैंक खाता अपडेट करने के लिए कहा गया। फर्जी लिंक पर क्लिक करने के बाद उनके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए गए। डॉक्टर, जो डिजिटल लेन-देन में अनुभवी थे, इस धोखाधड़ी का शिकार हो गए।
केस 3: एक आईटी प्रोफेशनल से ठगी
बैंगलोर के एक आईटी प्रोफेशनल, जो साइबर सुरक्षा में भी विशेषज्ञ था, को नौकरी के झांसे में फंसा कर 5 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया।
साइबर अपराधियों की बदलती रणनीतियां
- डिजिटल अरेस्ट: पीड़ितों को कानूनी मामलों में फंसाने का डर दिखाकर घंटों तक मानसिक रूप से बंधक बनाना।
- फर्जी लिंक: बैंक खातों को अपडेट करने के नाम पर संवेदनशील जानकारी चुराना।
- विश्वास का फायदा उठाना: सरकारी अधिकारी या प्रतिष्ठित संस्थानों के नाम का इस्तेमाल।
- तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग: साइबर अपराधी अब तकनीकी जानकारी और डेटा का उपयोग कर जटिल ठगी कर रहे हैं।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
- फर्जी कॉल्स और ईमेल से सावधान रहें: अनजान कॉल्स पर व्यक्तिगत जानकारी न दें।
- फर्जी लिंक पर क्लिक न करें: बैंकिंग या अन्य सेवाओं के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
- दो-स्तरीय सुरक्षा अपनाएं: बैंक खातों और ऑनलाइन वॉलेट्स के लिए मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय सुरक्षा रखें।
- सतर्क रहें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
- शिक्षा का प्रचार करें: साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाएं।