इमरान खान को 12 मामलों में मिली जमानत: दोहरी खुशी

पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनावों के नतीजों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ी राहत मिली है। रावलपिंडी की आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) ने उन्हें 9 मई के दंगों से संबंधित 12 मामलों में जमानत दे दी है।

यह जमानत इमरान के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनावी नतीजों में उनकी पार्टी पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं।

जमानत के साथ-साथ इमरान के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को भी 13 मामलों में जमानत मिली है।

जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए एटीसी न्यायाधीश मलिक इजाज आसिफ ने कहा कि पीटीआई संस्थापक को हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है और 9 मई के मामलों में सभी संदिग्धों को जमानत दे दी गई है।

न्यायाधीश ने मामलों की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में शामिल दावों को खारिज कर दिया।

इमरान पर 9 मई को देश भर में भड़के दंगों से संबंधित कई मामलों में मामला दर्ज किया गया था। रावलपिंडी में दर्ज शिकायतों में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) के गेट पर हमला, एक संवेदनशील संस्थान के कार्यालय में दंगा और अन्य घटनाएं शामिल थीं।

पिछले साल जुलाई में, 9 मई की हिंसा की जांच कर रही एक उच्च स्तरीय संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने जीएचक्यू पर हमले सहित दो आतंकवादी मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री पर केस चलाने का फैसला किया था। पीटीआई प्रमुख पर हिंसा की योजना बनाने और भड़काने का आरोप लगाया गया था।

इमरान खान को जमानत ऐसे वक्त दी गई है जब 8 फरवरी को हुए पाकिस्तान आम चुनाव के नतीजों में उनकी पार्टी समर्थित नेताओं को सबसे ज्यादा सीट मिली है।

यह जमानत इमरान खान के लिए एक बड़ी राहत है और उन्हें राजनीतिक रूप से मजबूत करेगी।

अब यह देखना बाकी है कि इमरान खान इस जमानत का इस्तेमाल कैसे करते हैं और क्या वे राजनीतिक रूप से वापसी कर पाते हैं।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि इमरान खान पर अभी भी कई अन्य मामले दर्ज हैं और उन्हें इन मामलों में जमानत मिलने की बाकी है।