Holashtak 2024: होलाष्टक में इन शुभ कार्यों पर ब्रेक, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

Holashtak 2024: होलाष्टक, भारतीय हिन्दू पर्वों में से एक है, जो होली के पूर्व आठ दिनों तक मनाया जाता है। यह अवधि फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर होली के आठ दिन पहले तक चलती है। इस अवधि में, भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती है, जिसमें होली के त्योहार की तैयारियां आरंभ होती हैं।

मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा और अर्चना

होलाष्टक के प्रारंभिक दिनों में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। लोग इस समय में मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा और अर्चना करते हैं। इसके अलावा, कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य-संगीत की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

शुभ कार्यों से परहेज

होलाष्टक के इन दिनों में ग्रहों के उग्र रूप के कारण, लोग शुभ कार्यों से परहेज करते हैं। इस समय में शादी, गृह प्रवेश, और अन्य प्रमुख समारोह नहीं किए जाते। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रहों की इस स्थिति में शुभ कार्यों का अभाव होता है।

होलाष्टक का आध्यात्मिक महत्व

होलाष्टक का आध्यात्मिक महत्व भी है, जैसा कि पुराणों में वर्णित है। इसके अनुसार, भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था, जिससे उसकी पत्नी रति ने प्राप्ति पाई थी। इसलिए, इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, लेकिन धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया जाता है।

होलाष्टक में करें ये शुभ कार्य

समाज में, होलाष्टक के दौरान दान का शुभ कार्य किया जा सकता है साथ ही इस समय आप अन्न दान कर सकते हैं. होलाष्टक में आप ब्राह्मणों को भोजन करवा सकते हैं. साथ ही साथ नैमित्तिक कर्म भी कर सकते हैं. मूल रूप से ग्रहों की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.

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