किसान आंदोलन: दिल्ली कूच की घोषणा से उद्योगपतियों और वाहन चालकों की चिंता बढ़ी

किसानों ने दिल्ली कूच का एलान कर दिया है, जिससे सोनीपत में उद्योगपतियों और वाहन चालकों की चिंता बढ़ गई है। 6 मार्च को दिल्ली कूच के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है। पंजाब के किसान वहीं डटे रहेंगे, जबकि अन्य प्रदेशों से आने वाले किसान दिल्ली कूच करेंगे। 10 मार्च को देशभर में चार घंटे के लिए रेल रोको अभियान भी चलाया जाएगा।

कुंडली-सिंघु बॉर्डर को फिर से सील किए जाने की आशंका है, जिससे दिल्ली से संपर्क कट जाएगा। इससे लोगों के काम धंधों के साथ ही कारोबार ठप हो जाएगा। फिलहाल सर्विस रोड खुला है, लेकिन वाहन चालकों को लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद पंजाब के किसान 13 फरवरी को अंबाला के शंभू बॉर्डर पर आ डटे थे। वहां से दिल्ली कूच के प्रयास में किसानों का सुरक्षा बलों के साथ टकराव हो गया था। जिसके बाद सोनीपत व दिल्ली पुलिस ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया था। बाद में वाहन चालकों की परेशानी व किसानों-सरकार के बीच सुलह की उम्मीद के चलते बॉर्डर को आंशिक रुप से खोल दिया गया था।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के साथ कई अन्य किसान संगठन भी आंदोलन में कूदने का एलान कर चुके हैं। सभी संगठन अब पूरे 6 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे।

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