Exit Poll vs Opinion Poll: आज आएगा एग्जिट पोल, जानें ओपिनियन पोल से कितना अलग?

Exit Poll vs Opinion Poll

Exit Poll vs Opinion Poll:  एग्जिट पोल में मतदान केंद्रों से लौटने वाले वोटर्स की राय जानी जाती है। इसके आधार पर नतीजों का अनुमान लगाया जाता है। एग्जिट पोल में केवल मतदाता ही शामिल होते हैं। ओपिनियन पोल चुनाव पूर्व कराए जाते हैं। इनमें शामिल होने वाले लोगों के मतदाता होने की शर्त नहीं होती। इनमें स्थानीय मुद्दों, सरकार के काम-काज, योजनाओं पर पसंद-नापसंद, पसंदीदा पार्टी जैसे सवालों के आधार पर चुनावी अनुमान लगाया जाता है।

एग्जिट पोल:

  1. समय: एग्जिट पोल मतदान के दिन या मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद किए जाते हैं।
  2. प्रक्रिया: इसमें मतदान केंद्रों से लौटने वाले वोटर्स की राय ली जाती है।
  3. उद्देश्य: एग्जिट पोल का उद्देश्य यह जानना होता है कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं और चुनाव का परिणाम क्या हो सकता है।
  4. सटीकता: चूंकि यह पोल मतदान करने वालों से सीधे सवाल करता है, इसलिए यह वास्तविक मतदान का एक अपेक्षाकृत सटीक अनुमान देता है।
  5. प्रतिभागी: केवल वे लोग शामिल होते हैं जिन्होंने वास्तव में मतदान किया है।

ओपिनियन पोल:

  1. समय: ओपिनियन पोल चुनाव से पहले, यानी चुनाव प्रचार के दौरान या उससे पहले किए जाते हैं।
  2. प्रक्रिया: इसमें संभावित मतदाताओं की राय ली जाती है। इसमें शामिल होने वाले लोगों का मतदाता होना अनिवार्य नहीं है।
  3. उद्देश्य: ओपिनियन पोल का उद्देश्य यह जानना होता है कि जनता की राय, सरकार के कामकाज के प्रति उनका दृष्टिकोण, और चुनाव में उनकी पसंदीदा पार्टी क्या है।
  4. सटीकता: चूंकि यह चुनाव से पहले किया जाता है और इसमें मतदान के दिन की स्थितियों का प्रत्यक्ष अनुमान नहीं होता, इसलिए इसकी सटीकता एग्जिट पोल की तुलना में कम हो सकती है।
  5. प्रतिभागी: इसमें विभिन्न लोगों की राय ली जाती है, जो संभावित मतदाता हो सकते हैं या नहीं भी।

प्रमुख अंतर:

  • समय: एग्जिट पोल मतदान के दिन और ओपिनियन पोल चुनाव पूर्व होते हैं।
  • प्रतिभागी: एग्जिट पोल में केवल वे लोग शामिल होते हैं जिन्होंने मतदान किया है, जबकि ओपिनियन पोल में संभावित मतदाता शामिल होते हैं।
  • उद्देश्य और सटीकता: एग्जिट पोल का उद्देश्य चुनाव परिणाम का सीधा अनुमान लगाना होता है और यह अधिक सटीक होता है, जबकि ओपिनियन पोल का उद्देश्य चुनाव से पहले जनता की राय जानना होता है और यह अपेक्षाकृत कम सटीक हो सकता है।

दोनों ही पोल चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उनके उद्देश्य और समय में फर्क होने की वजह से उनके परिणाम और प्रभाव भी अलग-अलग होते हैं।