E-cigarettes Side Effects: धूम्रपान छोड़ने या कम करने के लिए लोग ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। अब ‘खाद्य एवं औषधि प्रशासन’ (FDA) ने कहा है कि इसमें तंबाकू न होते हुए भी यह काफी ज्यादा खतरनाक है।
क्योंकि इसमें कई तरह के जहरीले केमिकल्स होते हैं। इससे EVALI जैसी खतरनाक बीमारी हो जाती है। ई-सिगरेट में निकोटिन होता है, जिससे कैंसर, हार्ट, फेफड़ों के साथ-साथ ब्रेन से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है।
माउथपीस:
यह एक ट्यूब के सिरे पर लगा हुआ कार्ट्रिज है. अंदर एक छोटा प्लास्टिक कप होता है जिसमें लिक्विड होता है. जिसमें कई सारे पदार्थ होते हैं.
एटमाइज़र:
यह तरल को गर्म करता है, जिससे वेपर बनता है ताकि व्यक्ति उसे धुंआ फिल हो सके।
बैटरी:
बैटरी माउथपीस के अंदर के लिक्विड को हीट करने का काम करती है।
सेंसर:
जब यूजर डिवाइस को चूसता है तो हीटर एक्टिव हो जाता है।
समाधान:
ई-तरल, या ई-जूस में निकोटीन, एक आधार, जो आमतौर पर प्रोपलीन ग्लाइकोल होता है, और स्वाद को बढ़ाता है। जब यूजर माउथपीस को चूसता है, तो हीटिंग तत्व लिक्विड को वेपर में बदल देता है. जिसे व्यक्ति वेपिंह करता है या सांस के जरिए छोड़ता है। लिक्विड में निकोटीन काफी अधिक मात्रा में होती है।