किसानों ने दिल्ली कूच के लिए नई रणनीति बनाई है। मंगलवार को, किसानों ने आंसू गैस से बचने के लिए मुंह पर मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाया और बड़े रूमाल से चेहरे को ढक लिया। हरियाणा पुलिस ने दो से तीन आंसू गैस के गोले चलाए, लेकिन किसान अपनी तैयारी में जुटे रहे।
किसानों ने ट्रैक्टरों को चादरों से ढका है और कई किसान पीपीई किट पहने भी दिखाई दिए। वे आंखों पर एयर टाईट चश्में और हाथों में लोहे व लकड़ी के लठ्ठ लिए हैं। पंजाब पुलिस द्वारा मौके पर मेडिकल टीम तैनात की गई है।
पानीपत में रोहतक नेशनल हाईवे पर भी किसान आंदोलन का असर दिखाई दिया। किसान डाहर टोल पर पहुंचे और सांकेतिक प्रदर्शन किया।
पानीपत और सोनीपत पुलिस ने हल्दाना बॉर्डर पर संयुक्त नाका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
किसान नेता कैलाश मलिक और राजेश शर्मा ने कहा कि वीरवार को सुबह 11 बजे गांव सिसाय में महापंचायत की जाएगी।
जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों ने कंटीली तार उखाड़ दी है और सड़क पर लगाई गई कीलों को भी उखाड़ दिया है।
किसानों ने एक सीआईडी कर्मचारी को बंधक बना लिया। बाद में पता चला कि वह गढ़ी थाना में कार्यरत सीआईडी कर्मचारी सतेंद्रपाल है।
कैथल में भाकियू के धन्ना भगत गुट ने भी आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया है।
कुरुक्षेत्र में फिलहाल हालात सामान्य हैं, लेकिन पुलिस और अर्ध सैनिक बल पूरी तरह से अलर्ट हैं।
सिरसा के कुछ लिंक रोड खोल दिए गए हैं। डबवाली में पूरी तरह से शांति है।
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