संसद में गतिरोध जारी: अदाणी मामले और संभल हिंसा पर हंगामे के आसार

संसद में गतिरोध जारी: अदाणी मामले और संभल हिंसा पर हंगामे के आसार

संसद के शीतकालीन सत्र 2024 में अदाणी समूह पर लगे आरोपों और संभल हिंसा समेत कई मुद्दों को लेकर विवाद जारी है। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण अब तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही है। ऐसे में आज भी संसद में गतिरोध के बने रहने की संभावना है।

लाइव अपडेट

10:27 AM
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेलवे अधिनियम, 1989 में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेंगे। इसके अलावा, केंद्रीय बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत करेंगे।

10:17 AM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करेंगी। इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 और अन्य संबंधित कानूनों में संशोधन करना है।

10:08 AM
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अदाणी मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने संभल हिंसा और अजमेर दरगाह विवाद पर राज्यसभा में बिजनेस सस्पेंशन नोटिस दिया।

10:02 AM
संसद की कार्यवाही से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के फ्लोर नेताओं की बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में होगी। यह बैठक संसद भवन कार्यालय में होगी।

08:47 AM
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के संभल दौरे पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “पाप छिपाने की कोशिश की जा रही है।”


गतिरोध की स्थिति

संसद के शीतकालीन सत्र का पहला सप्ताह विवादों की भेंट चढ़ गया। शुक्रवार को भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित रही। राज्यसभा की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में स्थगित कर दी गई, जबकि लोकसभा की बैठक दोपहर में पूरी तरह रोक दी गई।

प्रमुख विधेयक और विपक्ष की मांगें

सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने हैं, जिनमें रेलवे और बैंकिंग संशोधन विधेयक शामिल हैं। विपक्ष अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग पर अड़ा है।

सत्र की शुरुआत और वर्तमान स्थिति

25 नवंबर से शुरू हुए इस सत्र में विपक्ष के हंगामे के चलते अब तक कोई भी विधायी कार्य पूरा नहीं हो सका है। अदाणी मामले और संभल मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनने के आसार फिलहाल कम हैं।

 

 

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