हथिनी कुंड बैराज के पास लगभग 6134 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले बांध की परियोजना पर्यावरण मंजूरी के अभाव में अटकी हुई है। यह बांध हरियाणा, यूपी, हिमाचल और दिल्ली को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जाना है।
सिंचाई विभाग ने इस मामले को दिल्ली में सेंटर वाटर कमिश्नर के समक्ष रखा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 250 मेगावाट बिजली उत्पादन और 1.25 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की योजना है।
बांध निर्माण के लिए जगह का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और यह हरियाणा का सबसे बड़ा बांध होगा। इसके बनने से यमुना नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी।
परियोजना में 5400 एकड़ भूमि का उपयोग होगा, जिसमें एनएच 73 का 11 किलोमीटर हिस्सा और 9 गांव शामिल हैं। इनमें से 4 गांव हरियाणा और 5 गांव हिमाचल प्रदेश के हैं।
सिंचाई विभाग के अनुसार, हिमाचल सरकार से कई बार संपर्क किया गया है, लेकिन अभी तक पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है। अब यह मामला सेंटर वाटर कमिश्नर के पास है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर फैसला होगा।
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