पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से खजाने की भरपाई: राहत से दूर आम जनता
मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से 36 लाख करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया गया है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं, आम जनता को इस राहत का लाभ नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि टैक्स बढ़ाकर आम लोगों की जेब से पैसे निकाले जा रहे हैं, जबकि राहत के नाम पर कुछ नहीं दिया गया।
पांच साल में 36 लाख करोड़ का राजस्व
भाजपा सांसद रणदीप सुरजेवाला के सवाल के जवाब में सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, टैक्स और सेस के जरिए बीते पांच सालों में 36 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह राशि आम जनता की जेब से वसूली गई है। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 32% की गिरावट के बावजूद, पेट्रोल-डीजल की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं।
महंगाई का बोझ और आंकड़ों का खेल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महंगाई कम करने के बजाय आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर कम दिखाने में जुटी है।
- खाद्य पदार्थों की कीमतें: दाल, तेल, सब्ज़ियों और दूध की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
- ईंधन महंगा: कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतें बनी हुई हैं।
- आंकड़ों की बाजीगरी: सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बदलाव कर महंगाई को कृत्रिम रूप से कम दिखाने की कोशिश की।
गरीबों और मध्यम वर्ग पर असर
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें परिवहन और अन्य सेवाओं की लागत को बढ़ाती हैं, जिसका सीधा असर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ता है। इसके अलावा, महंगाई के चलते खाद्य वस्तुओं और आवश्यक उत्पादों के दाम भी बढ़ रहे हैं, जिससे आम लोगों का बजट बिगड़ रहा है।
कांग्रेस का आरोप: आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को भ्रमित किया गया
जयराम रमेश ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने आंकड़ों का खेल खेला है।
- ग़रीबी और रोज़गार: बेरोजगारी और ग़रीबी के वास्तविक आंकड़ों को छुपाने के लिए मानकों में बदलाव किया गया।
- रोज़गार के वादे: हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं हुआ। उलटे स्वरोजगार और अस्थायी नौकरियों को रोज़गार के रूप में गिना गया।
महंगाई से राहत कब?
कांग्रेस ने मांग की है कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम कर जनता को महंगाई से राहत दी जाए। पार्टी ने सवाल उठाया कि जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हो रही हैं, तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम क्यों नहीं हो रही हैं?