चीन का डीपसीक प्रोजेक्ट: अमेरिकी एआई मॉडल्स को टक्कर, भारत के लिए नए अवसर

Rajiv Kumar

चीन का डीपसीक प्रोजेक्ट: अमेरिकी एआई मॉडल्स को टक्कर, भारत के लिए नए अवसर

 

चीन ने अमेरिकी कंपनियों के दबदबे वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्षेत्र में नई मिसाल कायम की है। डीपसीक (DeepSeek) नामक यह एआई मॉडल न केवल तकनीकी जगत में हलचल मचा रहा है बल्कि इसे सस्ते और प्रभावी एआई समाधानों के रूप में देखा जा रहा है। जहां चैटजीपीटी 4 और जेमिनी 2 जैसे मॉडल्स को बनाने में अरबों डॉलर खर्च हुए, वहीं डीपसीक को मात्र 5.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत में विकसित किया गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि डीपसीक ने एआई को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह एआई को महंगे और सीमित उपयोग से निकालकर आम उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए उपलब्ध कराता है। भारत जैसे देश में जहां तकनीकी नवाचार तेजी से बढ़ रहे हैं, डीपसीक जैसे ओपन-सोर्स मॉडल डेवलपर्स के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।

डीपसीक: क्या है और क्यों है खास?

  1. कम लागत में बड़ा बदलाव:
    डीपसीक को केवल 5.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से तैयार किया गया है, जबकि OpenAI के चैटजीपीटी जैसे मॉडल्स पर हर साल 5 बिलियन डॉलर खर्च होते हैं।
  2. ओपन-सोर्स मॉडल:
    डीपसीक ने अपने मॉडल को ओपन-सोर्स किया है, जिससे डेवलपर्स इसे मुफ्त में इस्तेमाल और अनुकूलित कर सकते हैं।
  3. पुरानी चिप्स से बेहतर प्रदर्शन:
    डीपसीक ने एनवीडिया के पुराने H800 चिप्स का उपयोग करके भी ऐसे परिणाम दिए हैं, जो पश्चिमी मॉडल्स के बराबर माने जा रहे हैं।
  4. छोटे और प्रभावी मॉडल्स:
    डीपसीक ने छह छोटे मॉडल्स भी पेश किए हैं, जिन्हें लैपटॉप जैसे सामान्य उपकरणों पर चलाया जा सकता है।

डीपसीक का भारत और वैश्विक परिदृश्य पर असर

  1. भारत के लिए संभावनाएं:
    डीपसीक के ओपन-सोर्स और कम लागत वाले मॉडल भारत के एआई डेवलपर्स के लिए नई राहें खोल सकते हैं। अब छोटे और मध्यम स्तर के डेवलपर्स भी कम लागत में उच्च स्तरीय एआई समाधान तैयार कर सकते हैं।
  2. वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
    डीपसीक ने पश्चिमी देशों के एआई वर्चस्व को चुनौती दी है। यह अमेरिका और गूगल जैसी कंपनियों के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
  3. एआई का लोकतंत्रीकरण:
    डीपसीक ने एआई को केवल बड़ी कंपनियों और अमीर देशों के दायरे से निकालकर आम आदमी और छोटे व्यवसायों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया है।

Share This Article