ग्रामीण भारत की शक्ति का जश्न: पीएम मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का किया उद्घाटन, किसान और ग्रामीण विकास पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी 2025 को ग्रामीण भारत महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की विकास यात्रा और ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे सकारात्मक बदलावों का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) और अन्य सहयोगी संस्थानों को इस महोत्सव के आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में ग्रामीण भारत के विकास को देश के समग्र विकास का आधार बताते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
ग्रामीण क्षेत्रों में जल और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश के लाखों गांवों के घरों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है। डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। डिजिटल तकनीक के जरिए अब गांवों के लोग बेहतर डॉक्टरों और अस्पतालों से जुड़ पा रहे हैं।”
किसानों के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की सहायता
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से किसानों को दी गई सहायता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “अब तक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद किसानों को दी जा चुकी है। कृषि ऋण में साढ़े तीन गुना वृद्धि हुई है, और पशुपालकों और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी जा रही है।” उन्होंने फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि और स्वामित्व योजना जैसे कार्यक्रमों का भी उल्लेख किया, जो ग्रामीणों को संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाणपत्र प्रदान करते हैं।
ग्रामीण इलाकों में बढ़ी क्रय शक्ति
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, ग्रामीण भारत की क्रय शक्ति 2011 की तुलना में तीन गुना बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद पहली बार ग्रामीण परिवार अपनी आय का 50% से कम भोजन पर खर्च कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार का संकेत मिलता है।