गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में सिपाही और हवलदार के लिए भी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) भरना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नया नियम 2024-2025 से लागू होगा।
मौजूदा व्यवस्था में, सिपाही और हवलदार के लिए एपीएआर भरना अनिवार्य नहीं था। उन्हें सक्षम अधिकारी की मंजूरी और रिक्तियों के आधार पर पदोन्नति मिलती थी। अब, विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) द्वारा एपीएआर का मूल्यांकन किया जाएगा, और पदोन्नति डीपीसी की सिफारिशों पर आधारित होगी।
सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा बल में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लिया गया है। यह सिपाही और हवलदारों को बेहतर प्रदर्शन करने और पदोन्नति के लिए स्पष्ट मानदंडों पर काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
सिपाही और हवलदार साल में दो बार एपीएआर भरेंगे। पहली एपीएआर जनवरी से मार्च तक की अवधि के लिए होगी, और दूसरी अप्रैल से मार्च तक की अवधि के लिए होगी। एपीएआर में सिपाही और हवलदार के कामकाज का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। डीपीसी एपीएआर का मूल्यांकन करेगा और पदोन्नति के लिए सिफारिशें करेगा।
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