देश में प्याज की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
प्याज की कीमतों में वृद्धि के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- खरीफ फसल की बुआई में देरी
- मौसम की प्रतिकूलता
- प्याज की बढ़ती मांग
खरीफ फसल की बुआई में देरी के कारण प्याज की पैदावार में कमी आई है। इसके अलावा, मौसम की प्रतिकूलता के कारण प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है। इन दोनों कारणों से प्याज की आपूर्ति कम हो गई है, जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है।
प्याज की बढ़ती मांग भी कीमतों में वृद्धि का एक कारण है। त्योहारों के मौसम में प्याज की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में और भी अधिक वृद्धि हो जाती है।
प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) लगाया गया है।
- सरकार ने बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज खरीदने का फैसला किया है।
- सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक को सस्ते दामों पर बेचने का फैसला किया है।
हालांकि, इन कदमों से अभी तक प्याज की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है। उम्मीद है कि सरकार के इन कदमों से जल्द ही प्याज की कीमतों में कमी आएगी।
प्याज की कीमतों में वृद्धि से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। प्याज एक आवश्यक खाद्य पदार्थ है और इसकी कीमतों में वृद्धि से लोगों के बजट पर काफी असर पड़ रहा है।
प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को और कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को किसानों को प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। इसके अलावा, प्याज के भंडारण की सुविधाओं को बेहतर बनाने की भी जरूरत है।
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