रूस की नई पहल: कैंसर वैक्सीन के जरिए 48 घंटे में दिखेगा असर

रूस की नई पहल: कैंसर वैक्सीन के जरिए 48 घंटे में दिखेगा असर

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज में रूस ने नई उम्मीद जगाई है। रूस ने कैंसर के खिलाफ प्रभावी वैक्सीन तैयार की है, जो 2025 तक उपलब्ध होगी। आइए जानें इसके खास फीचर्स और कैसे यह वैक्सीन काम करती है।

मुफ्त कैंसर वैक्सीन: रूस का बड़ा ऐलान

रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि वह 2025 की शुरुआत से कैंसर के मरीजों के लिए एक वैक्सीन उपलब्ध कराएगा। इस वैक्सीन को रूस के नागरिकों के लिए पूरी तरह मुफ्त रखा गया है।

  • यह वैक्सीन व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से डिज़ाइन की जाएगी।
  • इसकी कीमत लगभग 2.5 लाख रुपये हो सकती है, लेकिन रूसी नागरिकों को इसे मुफ्त में दिया जाएगा।
  • अन्य देशों के लिए इसकी उपलब्धता की अभी कोई जानकारी नहीं है।

वैक्सीन कैसे काम करेगी?

रूस की फेडरल मेडिकल बायोलॉजिकल एजेंसी की प्रमुख वेरोनिका स्वोर्त्सकोवा ने बताया कि यह वैक्सीन मेलानोमा (स्किन कैंसर) जैसे मामलों में भी प्रभावी है। इसका निर्माण व्यक्तिगत ट्यूमर सेल्स के डेटा के आधार पर किया जाता है।

प्रक्रिया:

  1. कैंसर रोगी के ट्यूमर सेल्स का सैंपल लिया जाता है।
  2. वैज्ञानिक ट्यूमर के जीन की सीक्वेंसिंग करके उसमें मौजूद प्रोटीन की पहचान करते हैं।
  3. इसके आधार पर mRNA वैक्सीन तैयार की जाती है।
  4. यह वैक्सीन शरीर को टी-सेल्स बनाने का निर्देश देती है, जो ट्यूमर पर हमला कर उसे खत्म करती है।
  5. वैक्सीन के बाद शरीर ट्यूमर सेल्स को पहचानने लगता है, जिससे कैंसर की वापसी का खतरा कम हो जाता है।

48 घंटे में असरदार

विशेषज्ञों के अनुसार, इस तकनीक से बनी वैक्सीन ने ब्रेन कैंसर जैसे मामलों में 48 घंटे से भी कम समय में सकारात्मक परिणाम दिए हैं।

कैंसर पर 80% तक नियंत्रण

रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर आंद्रेई काप्रिन ने कहा कि प्रीक्लिनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन प्रभावी साबित हुई है।

  • यह ट्यूमर के विकास को धीमा करती है।
  • ट्यूमर की गतिविधियों में 80% तक की कमी देखी गई है।