जगन्नाथ मंदिर का खजाना: पुरी जगन्नाथ मंदिर का बहुप्रतीक्षित रत्न भंडार 46 साल बाद ठीक 1 बजकर 28 मिनट पर शुभ मुहूर्त में खोला गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूरी सुरक्षा टीम सतर्क रही।
शुभ मुहूर्त और तैयारी
1 बजकर 28 मिनट पर रत्न भंडार का शुभ मुहूर्त तय किया गया था, इसी समय पर बाहर रत्न भंडार को खोला गया। रत्न भंडार कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस विश्वनाथ रथ के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम ने श्री मंदिर के अंदर प्रवेश किया।
रत्न भंडार का निर्माण और सुरक्षा
रत्नों को सुरक्षित रखने के लिए 6 संदूक बनाए गए, जिन्हें मंदिर के अंदर ले जाया गया। एक संदूक की लंबाई 4 फीट, चौड़ाई 2 फीट, और ऊंचाई 2 फीट है। कुल 15 संदूक का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से 6 पुरी पहुंच चुके हैं और बाकी 9 का निर्माण जारी है। सभी संदूक सागौन की लकड़ी से बनाए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था
भगवान लोकनाथ से जगन्नाथ मंदिर के लिए आज्ञा माला लाने के बाद, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 6 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है। बिजली कटौती की स्थिति में जनरेटर की व्यवस्था भी की गई है। मंदिर के चारों ओर पुलिस बल तैनात है और सिंह द्वार को छोड़कर बाकी तीनों द्वार बंद कर दिए गए हैं।
आपातकालीन व्यवस्था
रत्न भंडार की चाबी कमेटी के अधिकृत अधिकारी को सौंप दी गई है। मंदिर के अंदर स्नेक हेल्पलाइन टीम और ओडीआरएएफ टीम को तैनात किया गया है, वहीं मंदिर के बाहर एंबुलेंस टीम को अलर्ट पर रखा गया है।