सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के दो अधिकारियों के खिलाफ नए भारतीय न्याय संहिता (IPC) के तहत पहला FIR दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने तिहाड़ जेल में बंद एक व्यक्ति की रिहाई में मदद के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
यह मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए IPC के तहत दर्ज किया गया पहला मामला है। यह कानून 2023 में लागू हुआ था और इसमें भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से जुड़े कड़े प्रावधान हैं।
- आरोपी: दिल्ली के मौरिस नगर स्थित नारकोटिक्स सेल में तैनात हेड कांस्टेबल रवींद्र ढाका और परवीन सैनी।
- आरोप: तिहाड़ जेल में बंद एक व्यक्ति की रिहाई में मदद के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगना।
- अतिरिक्त आरोप: ड्रग्स बरामदगी के मामले में फर्जी सबूत पेश करना।
- सीबीआई कार्रवाई: गुप्त रिकॉर्डर के साथ शिकायतकर्ता को भेजा गया, जिसके बाद रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई।
यह मामला CBI द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नए IPC रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार है, और यह मामला दर्शाता है कि सीबीआई इस कानून का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।