Mukhtar Ansari Viscera Report: यूपी के बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत मामले में बड़ी खबर सामने आई है। मुख्तार अंसारी की विसरा रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन मुख्तार के परिजनों ने जेल में उन्हें स्लो पॉइजन देने का आरोप लगाया था।
जानें क्या होती विसरा जांच ?
किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद अगर पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है, तो इस दौरान मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट यानी आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है, उसे ही विसरा कहा जाता है। अगर किसी शख्स की मौत संदिग्ध हालात में होती है।
उसकी मौत के पीछे पुलिस या परिवार को किसी भी तरह का शक होता है, तो ऐसे मामलों में मौत की वजह जानने के लिए विसरा की जांच की जाती है। विसरा की जांच में यह पता लगाया जाता है कि मौत कैसे हुई और मौत की वजह क्या थी?
इस दिन हुई थी डॉन की मौत
वहीं 28 मार्च की सुबह डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हुई थी। अगले दिन 5 घंटे चले पोस्टमार्टम के बाद उसकी पार्थिव देह उसके बेटे उमर अंसारी को सौंप दिया गया था।
काली बाग कब्रिस्तान में किया गया दफन
30 मार्च को गाजीपुर में ही उसके घर फाटक से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर काली बाग कब्रिस्तान में दफना दिया गया था। मुख्तार के जनाजे में जहां उसका छोटा बेटा उमर अंसारी और भाई सांसद अफजाल अंसारी मौजूद रहा।
वहीं हजारों की संख्या में मुख्तार अंसारी के समर्थक भी उमड़े। इतनी भीड़ रही कि पुलिस वालों को लोगों को संभालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। ईद वाले दिन 11 अप्रैल को मुख्तार अंसारी का फातिया पढ़ा गया,
जिसमें शामिल होने के लिए जेल से मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी आया। इसके लिए उसे सुप्रीम कोर्ट से पैरोल मिली थी। करीब 3 दिन डॉन मुख्तार अंसारी काफी सुर्खियों में रहा।