लोकसभा सचिवालय ने 13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ मामले में 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड किए गए सुरक्षाकर्मियों के नाम रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र है।
इन सुरक्षाकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने लापरवाही बरती, जिससे आरोपियों को संसद में घुसने का मौका मिला।
पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद पहुंचे और उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की। मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अनुराग ठाकुर मौजूद रहे।
इस बैठक में संसद में घुसपैठ मामले पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पुलिस ने UAPA के तहत केस दर्ज किया
दिल्ली पुलिस ने संसद में घुसपैठ मामले में UAPA के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि कुल छह आरोपी हैं। दो अंदर घुसे थे, जबकि दो बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पूछताछ में दो लोगों का और नाम सामने आया। फिलहाल पांच गिरफ्त में है और एक फरार है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पहले ही संसद के बाहर की रेकी कर ली थी। सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे।
संसद में घुसपैठ से जुड़ी अन्य अपडेट्स
- तेलंगाना विधानसभा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। विधानसभा में आने वाले हर व्यक्ति की गहनता से जांच की जाएगी।
- महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे ने लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन के बाद विजिटर्स को गैलरी पास जारी न करने का निर्देश दिया है।
- खालिस्तानी आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद में घुसपैठ मामले के चारों आरोपियों को लीगल एड देने की पेशकश की है।
नई संसद में सुरक्षा प्रोटोकॉल्स में बदलाव
नई संसद में घुसपैठ के बाद अब सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:
- सांसदों, स्टाफ मेंबर्स और पत्रकारों के एंट्री गेट अलग होंगे। विजिटर्स को चौथे गेट से प्रवेश कराया जाएगा।
- विजिटर्स पास जारी करने पर अभी रोक लगा दी गई है।
- दर्शकदीर्घा के चारों ओर ग्लास की शील्ड लगाई जाएगी, ताकि कोई कूदकर सदन के अंदर न आ सके।
- एयरपोर्ट की तरह बॉडी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी।
- सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
संसद के सुरक्षा गैजेट्स 19 साल पुराने, नई भर्ती भी नहीं
संसदीय सुरक्षा से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि स्मोक कैन अंदर कैसे पहुंचा, यह सबसे हैरानी की बात है। अगर यह जूते या मोजे में छिपा था तो DFMD (डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर) में जरूर पकड़ा जाना चाहिए था। हालांकि, एक वजह यह भी संभव है कि 2004 के बाद से संसद के सुरक्षा गैजेट नहीं खरीदे गए, यानी ये 19 साल पुराने हैं।
एक अन्य संसदीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि उनके स्टाफ में 10 साल से नई भर्ती नहीं हुई है। करीब 150 सुरक्षाकर्मियों के पद खाली पड़े हैं। नई संसद में फेशियल रीडिंग के उपकरण ही नए हैं। बाकी मैनुअल चेकिंग बहुत कम हो गई है। पुरानी संसद में उस पर ज्यादा जोर था।
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