बरोदा उपचुनाव में प्रचार अब तेजी पकड़ता जा रहा है और सभी नेता एक-दूसरे पर जमकर जुबानी वार कर रहे हैं। कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश आने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष किसानों के बीच जाकर अपना-अपना पक्ष रख रहे हैं। विपक्ष जहां पर अध्यादेशों को किसान विरोधी बता रहा है तो सत्तापक्ष विपक्ष पर अध्यादेश को लेकर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगा रहा है। जानिए बड़े नेता प्रचार के दौरान क्या-क्या कह रहे हैं।
कंगाल हुआ किसान : चौटाला
इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने बरोदा हलका के गांवों का दौरा किया और कहा कि आज किसान बेहाल है। मंडी में धान और अन्य फसलों से भरी हुई हैं। किसानों की फसल एमएसपी रेट नहीं खरीदी जा रही है। जो फसल खरीद ली जाती है, उसका समय पर भुगतान नहीं होता। किसान की कोई सुनने वाला नहीं हैं। वहीं, भाजपा सरकार ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश भी लागू कर दिए। जो किसान हित में नहीं है। कृषि से जुड़े तीन अध्यादेश किसानों के हित में नहीं है। इससे किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा। किसान विरोध भी कर रहा है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता। सरकार की नीतियों के चलते किसान कंगाल होता जा रहा है।
किसान की किस्मत बदलेगी : धनखड़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि तीनों अध्यादेशों से प्रदेश का किसान और अधिक खुशहाल व उन्नत होगा। किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकेगा। किसान पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होगी। अध्यादेशों में किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और एमएसपी खत्म नहीं होगा व अनुबंध खेती में ई- रजिस्ट्री में सारा लेखा-जोखा होगा। इससे किसानों की किस्मत बदलेगी।
घोटालों की सरकार : दीपेंद्र कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक कई घोटाले हुए हैं। बरोदा हलका की जनता स्वाभिमानी है। इसलिए ऐसी सरकार में साझा नहीं करेगी। भाजपा सरकार ने पहले किसान विरोधी तीन अध्यादेश लागू किए। इसका विरोध किया तो उन पर लाठियां बरसाने का कार्य किया। कांग्रेस सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में क्षेत्र का भी विकास कराया। लाठ-जौली में आईएमटी बनाने की योजना थी। इसके लिए जमीन भी अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। परंतु भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया।
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