बद्रीनाथ, उत्तराखंड में स्थित एक पवित्र हिंदू तीर्थस्थल है, जो चार धामों में से एक है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर, हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच स्थित है, और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
12 मई 2024 को, बद्रीनाथ मंदिर के कपाट छह महीने के लिए खुलेंगे, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए दर्शन का मार्ग प्रशस्त होगा। इस शुभ अवसर पर, आइए बद्रीनाथ से जुड़े कुछ रहस्यों और किंवदंतियों पर नज़र डालें:
कहा जाता है कि बद्रीनाथ में स्थापित भगवान विष्णु का शिवलिंग स्वयंभू है, यानी इसका निर्माण किसी मनुष्य ने नहीं किया था। यह शिवलिंग काले रंग का है और भगवान विष्णु के ध्यानरत रूप का प्रतीक है।
बद्रीनाथ मंदिर के पास स्थित तप्त कुंड नामक एक कुंड है, जिसका जल हमेशा गर्म रहता है। कहा जाता है कि यह कुंड भगवान विष्णु के पसीने से बना है।
बद्रीनाथ के आसपास का क्षेत्र अलकापुरी नामक एक स्वर्गीय शहर के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि यह शहर देवताओं का निवास स्थान है और केवल तीर्थयात्रियों को ही दिखाई देता है।
बद्रीनाथ मंदिर के पास नारायण गुफा नामक एक गुफा है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने इस गुफा में ध्यान किया था।
बद्रीनाथ के पास लक्ष्मी वन नामक एक वन है। कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी ने यहां भगवान विष्णु की तपस्या की थी।