THYROID:थायराइड एक छोटी सी ग्रंथि है जो हमारे शरीर में गर्दन के निचले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के चयापचय, विकास और विकास को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
थायराइड ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन का उत्पादन करती है:
1. ट्राईआयोडोथायरोनिन (टी3)
2. थायरॉक्सिन (टी4)
इन हार्मोन का कार्य शरीर के चयापचय को नियंत्रित करना, शरीर के विकास और विकास को बढ़ावा देना, और शरीर के तापमान को नियंत्रित करना होता है।
थायराइड ग्रंथि के विकारों में हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) और हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की अधिकता) शामिल हैं। इन विकारों के कारण शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि थकान, वजन बढ़ना या कम होना, बालों का झड़ना, त्वचा की समस्याएं आदि।
शरीर के इन 5 अंगों में दर्द होना थायराइड का बढ़ना हो सकता है :
– पैरों में दर्द
– मांसपेशियों में कमजोरी के कारण बदन दर्द
– जोड़ों में दर्द
– हाथ में दर्द
– गले और इसके नीचे के हिस्से में तेज दर्द
गर्दन में सूजन और दर्द: हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्दन में दर्द होना थायराइड का सबसे पहला लक्षण है. इस तरह की दिक्कत यह गर्दन के एरिया को सबसे अधिक प्रभावित करती है. इससे न सिर्फ गर्दन में दर्द होता है, बल्कि गले में सूजन भी हो सकती है.
जबड़े और कान में दर्द: थायराइड बढ़ने पर इसका दर्द गर्दन के साथ-साथ जबड़ों और कानों तक पहुंचता है. इस स्थिति में दर्द काफी असाहनीय हो जाता है. इसलिए यदि किसी को इस तरह की परेशानी है तो अनदेखान न करें. जितनी जल्दी हो डॉक्टर से मिलें.
जोड़ों में दर्द: थायराइड बढ़ने पर जोड़ों में भी दर्द शुरू हो जाता है. बता दें कि, सबस्यूट थायरॉयडिटिस की स्थिति में मरीजों का दर्द धीरे-धीरे जोड़ों तक पहुंचता है. यह दर्द जब घुटनों में उठने लगता है तो उठना-बैठना तक मुश्किल हो सकता है.
पैरों में दर्द: थायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ने से पैरों और तलवों में भी दर्द महसूस हो सकता है. यह दर्द लंबे समय तक चलने या खड़े होने में ज्यादा होता है. इस स्थिति में तलवों में जलन जैसा भी महसूस हो सकता है. हालांकि, ये सभी में हो ऐसा जरूरी नहीं है.
मांसपेशियों में दर्द: शरीर में जब थायराइड बढ़ता है तो सूजन तो आती ही है. साथ ही मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है. अनदेखी करने पर यह दर्द धीरे-धीरे असाहनीय होने लगता है. इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह से उपचार जरूरी है.