हरियाणा के अंबाला में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा के आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सियासत में हलचल मच गई है। पिता-पुत्री 5 जनवरी को नई दिल्ली में दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी जॉइन करेंगे।
निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा के इस्तीफे से अंबाला में कांग्रेस के दो गुटों, हुड्डा और सैलजा के बीच की जंग भी तेज हो गई है। हुड्डा गुट ने सैलजा के घर में घेराबंदी कर दी है, जबकि सैलजा गुट की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
निर्मल सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि उन्होंने निजी कारणों से AAP से इस्तीफा दिया है। अब वे वर्कर्स के कहने पर कांग्रेस पार्टी जॉइन करेंगे। चुनाव कहां से लड़ेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे।
निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा की एंट्री से अंबाला में कांग्रेस के सियासी समीकरण बदल जाएंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि निर्मल सिंह लोकसभा तो चित्रा सरवारा को कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान में उतार सकती है।
अभी तक अंबाला सिटी विधानसभा सीट से हुड्डा गुट से पूर्व विधायक जसबीर मलौर अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं। वहीं, सैलजा गुट से अधिवक्ता एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व कोषाध्यक्ष रोहित जैन का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की टिकट कटवा कर कांग्रेस नेत्री वेणु अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा था। कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निर्मल सिंह ने अंबाला सिटी और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने अंबाला कैंट से चुनावी ताल ठोकी थी। पिता-पुत्री दोनों सीट पर दूसरे नंबर पर रहे थे।
अब कैंट की विधानसभा सीट पर हुड्डा गुट से चित्रा सरवारा तो सैलजा गुट से वेणु अग्रवाल और परविंदर परि की चर्चाएं हैं।
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. विनय प्रताप सिंह का कहना है कि निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा के कांग्रेस में आने से अंबाला में कांग्रेस की सियासत में हलचल मच गई है। इन दोनों के आने से हुड्डा और सैलजा गुट के बीच की जंग भी तेज हो गई है।
डॉ. सिंह का कहना है कि निर्मल सिंह के लोकसभा और चित्रा सरवारा के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। इससे अंबाला में कांग्रेस की जीत की संभावना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि निर्मल सिंह और चित्रा सरवारा के आने से बीजेपी के लिए भी चुनौती बढ़ जाएगी।
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