वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक में बवाल, टीएमसी सांसद पर गाली देने का आरोप

Rajiv Kumar

वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी बैठक में बवाल, टीएमसी सांसद पर गाली देने का आरोप

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में शुक्रवार को बड़ा हंगामा हुआ। बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने और गाली देने का गंभीर आरोप लगाया। इस हंगामे के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार कर लिया गया।

इन सांसदों को किया गया निलंबित

जेपीसी की बैठक के दौरान हंगामे और अनुशासनहीनता के आरोप में विपक्षी सांसद मोहम्मद जावेद, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी, डीएमके नेता ए राजा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह नदवी, एम. अब्दुल्ला, शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत, नदीमुल हक और कांग्रेस के इमरान मसूद को निलंबित किया गया।

दो बार स्थगित करनी पड़ी बैठक

जगदंबिका पाल ने हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने बैठक को दो बार स्थगित किया। विपक्ष के अनुरोध पर मीरवाइज उमर फारूक को बोलने का समय भी दिया गया, लेकिन कल्याण बनर्जी ने मेरे खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया और गाली दी। विपक्षी सांसद लगातार हंगामा करते रहे और बैठक जारी नहीं होने दी।”

विपक्ष के आरोप और अध्यक्ष का जवाब

विपक्ष ने बैठक के नोटिस का विषय और तारीख बदलने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “दिल्ली पहुंचने के बाद बैठक का एजेंडा बदल दिया गया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।”
इसके जवाब में अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “हमने विपक्ष के अनुरोध पर एजेंडे में बदलाव किया। मीरवाइज को बोलने के लिए आमंत्रित करना और बैठक का विषय बदलना विपक्ष की ही मांग थी।”

जल्दबाजी के आरोपों पर सफाई

कल्याण बनर्जी ने सरकार पर दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विधेयक पर जल्दबाजी का आरोप लगाया। इस पर पलटवार करते हुए जगदंबिका पाल ने कहा, “अगर सरकार जल्दबाजी में होती तो विधेयक को जेपीसी को न भेजती। सरकार के पास संसद में बहुमत है, लेकिन फिर भी विधेयक को चर्चा के लिए जेपीसी को भेजा गया।”

मीरवाइज की आपत्तियां और लोकतंत्र पर बयान

बैठक में कश्मीरी धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई। इस पर जगदंबिका पाल ने कहा, “मीरवाइज की आपत्तियां यह दर्शाती हैं कि देश में संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।”

अगली बैठक 27 जनवरी को

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी सांसदों के आचरण को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए कहा कि अगली बैठक 27 जनवरी को आयोजित की जाएगी। जेपीसी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। 29 जनवरी को यह रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपी जाएगी।

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