अदाणी विवाद पर रोहतगी की राय: “इसका जवाब कैसे दिया जाएगा?”

Rajiv Kumar

अदाणी विवाद पर रोहतगी की राय: “इसका जवाब कैसे दिया जाएगा?”

अमेरिका में अदाणी समूह और गौतम अदाणी के खिलाफ दायर आरोपपत्र को लेकर भारत के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और महेश जेठमलानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने स्पष्ट किया कि आरोपपत्र में गौतम अदाणी या उनके भतीजे सागर अदाणी का नाम घूस देने या न्याय में बाधा डालने जैसे मामलों में नहीं है।

आरोपपत्र में क्या हैं दावे?

रोहतगी ने कहा, “मैंने आरोपपत्र का अध्ययन किया है, जिसमें कुल पांच आरोप लगाए गए हैं। इनमें से दो आरोप—पहला और पांचवां—सबसे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इन मामलों में अदाणी का नाम नहीं है। आरोपपत्र में अलग-अलग आरोपों के लिए विभिन्न व्यक्तियों की पहचान की गई है, लेकिन अदाणी का नाम केवल प्रतिभूति और बॉन्ड्स के संदर्भ में आता है।”

पहले आरोप पर स्पष्टीकरण

रोहतगी ने बताया कि पहला आरोप अमेरिकी भ्रष्टाचार-रोधी कानून के उल्लंघन से जुड़ा है, जिसमें विदेशी व्यक्तियों और अधिकारियों का नाम लिया गया है, लेकिन अदाणी समूह के किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। उन्होंने कहा, “यह आरोप लगाया गया है कि भारतीय ऊर्जा संस्थानों में अफसरों को रिश्वत दी गई, लेकिन चार्जशीट में यह स्पष्ट नहीं है कि रिश्वत किसे दी गई, कैसे दी गई या इसमें कौन-कौन शामिल था। ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि कोई इसका जवाब कैसे देगा।”

न्याय में बाधा के आरोप पर प्रतिक्रिया

रोहतगी ने पांचवें आरोप पर चर्चा करते हुए कहा, “इसमें न्याय में बाधा डालने की बात कही गई है, लेकिन इसमें भी अदाणी या उनके अधिकारियों का नाम नहीं है।”

अदाणी का पक्ष और कानूनी प्रक्रिया

रोहतगी ने यह भी कहा कि अदाणी समूह अमेरिकी अदालत में कानूनी सलाह लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा। इसके अलावा, अदाणी समूह द्वारा संबंधित स्टॉक एक्सचेंजों को भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी जाएगी।

जेठमलानी का समर्थन

महेश जेठमलानी ने भी इस मामले पर अदाणी समूह का पक्ष रखते हुए आरोपों को संदिग्ध बताया और कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यों से अधिक अटकलों पर आधारित लगते हैं।

 

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