Retail Inflation Rate: खाने-पीने की चीजें महंगी, जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.08 फीसदी

Retail Inflation Rate: नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने जून 2024 के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) जारी कर दी है। जून में सब्जियों, दालों और खान-पान की चीजों के दाम में बढ़ोतरी हुई, जिसके चलते महंगाई दर बढ़कर 5.08 फीसदी हो गई। मई में महंगाई दर अपने 12 महीने के निचले स्तर पर थी, जो कि 4.75 फीसदी थी।

जून 2024 में महंगाई दर में वृद्धि

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जून 2024 में खुदरा महंगाई दर (CPI) 5.08 फीसदी पर पहुंच गई है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खान-पान की चीजों के दाम बढ़ जाने से महंगाई दर में तेजी आई है। जून 2023 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 4.87 फीसदी था, जबकि मई 2024 में यह 4.75 फीसदी थी।

फूड बास्केट इन्फ्लेशन

सरकारी डेटा के अनुसार, जून 2024 में फूड बास्केट इन्फ्लेशन 9.36 प्रतिशत रही, जो मई में 8.69 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई दर का ट्रेंड

महीना रिटेल महंगाई दर (फीसदी में)
मई 2023 4.31
जून 2023 4.87
जुलाई 2023 7.44
अगस्त 2023 6.83
सितंबर 2023 5.02
अक्टूबर 2023 4.87
नवंबर 2023 5.55
दिसंबर 2023 5.69
जनवरी 2024 5.10
फरवरी 2024 5.09
मार्च 2024 4.85
अप्रैल 2024 4.83
मई 2024 4.80
जून 2024 5.08

RBI की जिम्मेदारी

खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी है। सरकार ने RBI को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि सीपीआई मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।

RBI ने 2024-25 के लिए सीपीआई इन्फ्लेशन 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। केंद्रीय बैंक ने पहले तिमाही में सीपीआई 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और आखिरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

महंगाई के मापदंड

दुनिया में महंगाई को नापने के लिए WPI (Wholesale Price Index) का आधार लिया जाता है, लेकिन भारत में WPI के साथ ही CPI के आधार पर महंगाई दर को नापा जाता है। WPI के जरिये थोक महंगाई और CPI के जरिये खुदरा महंगाई को मापा जाता है। सीपीआई को रिटेल महंगाई दर कहा जाता है, जिसमें ग्राहकों द्वारा दी जाने वाली कीमतों के आधार पर महंगाई को मापा जाता है।

Exit mobile version