भारत आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस विशेष अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। परेड में विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की 31 झांकियां प्रदर्शित की गईं, जिनमें से 16 राज्यों की झांकियां ने विशेष रूप से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
दिल्ली की झांकी: सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतीक
दिल्ली की झांकी में कला और संस्कृति विभाग द्वारा प्रदर्शित भारतवासियों की सामूहिक आकांक्षाओं को चित्रित किया गया। इसमें दिल्ली सरकार द्वारा प्रचारित किए गए शिक्षा मॉडल की झलक भी देखने को मिली।
उत्तर प्रदेश: महाकुंभ 2025 का समावेश
उत्तर प्रदेश की झांकी ने महाकुंभ 2025 के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास को दर्शाया। इस झांकी ने यूपी की सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक महत्व को सामने रखा।
हरियाणा: श्री कृष्ण और अर्जुन की मनमोहक झांकी
हरियाणा की झांकी में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन की दृश्यात्मक झांकी प्रस्तुत की गई, जिसने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
गोवा: सांस्कृतिक धरोहर का जश्न
गोवा की झांकी ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया। इसमें गोवा के लोकनृत्य, कला और संगीत की सजीव झलक दिखाई गई, जो गोवा की समृद्ध संस्कृति को बयां करती है।
चंडीगढ़: विरासत और नवाचार का संगम
चंडीगढ़ की झांकी में विरासत, नवाचार और स्थिरता का एक अद्भुत समरूप मिश्रण प्रस्तुत किया गया, जो शहर की आधुनिकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक था।
झारखंड: “स्वर्णिम झारखंड” का आकर्षक प्रदर्शन
झारखंड की झांकी ने “स्वर्णिम झारखंड” थीम के तहत राज्य की प्रगति और विरासत का शानदार प्रदर्शन किया।
बिहार: नालंदा महाविहार की ऐतिहासिक धरोहर
बिहार की झांकी ने नालंदा महाविहार की ऐतिहासिक धरोहर और शिक्षा की परंपरा को प्रदर्शित किया, जो एक समय में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध था।
उत्तराखंड: सांस्कृतिक धरोहर और एडवेंचर्स स्पोर्ट्स
उत्तराखंड की झांकी में राज्य की खूबसूरती, एडवेंचरस टूरिज़्म और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
आंध्र प्रदेश: ईको-फ्रेंडली वुडन टॉय की झांकी
आंध्र प्रदेश की झांकी ने 400 साल पुरानी कला “एटिकोपक्का: ईको-फ्रेंडली वुडन टॉय” को प्रदर्शित किया, जिसे जीआई टैग भी मिला हुआ है।
कर्नाटक: शिल्पकला और सांस्कृतिक विरासत
कर्नाटक की झांकी में हार्ट ऑफ स्टोन क्राफ्ट को दिखाया गया, जिसमें लक्ष्मी-नारायण, काशी विश्वेशवरा मंदिर और ननेश्वरा मंदिर की शिल्पकला को प्रदर्शित किया गया।
मध्य प्रदेश: चीते की वापसी का दृश्य
मध्य प्रदेश की झांकी ने राज्य में 70 साल बाद लौटे चीते और उनकी बढ़ती संख्या का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया।