नोएडा: फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 9 महिलाएं और 67 पुरुष गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-63 में पुलिस, क्राइम रेस्पांस टीम (सीआरटी) और स्वाट टीम ने मिलकर एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से चार मुख्य सरगनाओं समेत नौ महिलाओं और 67 पुरुषों को गिरफ्तार किया। यह कॉल सेंटर डेढ़ महीने से चल रहा था, जहां विदेशी नागरिकों को टेक सपोर्ट, लोन, और पार्सल डिलीवरी के नाम पर ठगा जा रहा था।
कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?
आरोपी विदेशी नागरिकों को गिफ्ट कार्ड, चेक और अन्य डिटेल्स लेकर ठगते थे। हवाला के माध्यम से ठगी की राशि का लेन-देन किया जा रहा था। चार में से तीन सरगना पहले भी इसी तरह के फर्जीवाड़े में जेल जा चुके हैं।
पुलिस की कार्रवाई
डीसीपी सेंट्रल नोएडा, शक्तिमोहन अवस्थी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने सेक्टर-63 के ए-ब्लॉक स्थित “इंस्ट्रा सालूशन” नामक कॉल सेंटर पर छापा मारा। छापे में 76 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
- मुख्य सरगना: गुजरात के वडोदरा, अहमदाबाद, और अन्य क्षेत्रों के कुरुनाल रे, सौरभ राजपूत, साजिद अली और सादिक ठाकुर।
- स्टाफ: गुजरात, नॉर्थ ईस्ट, मुंबई, यूपी, पंजाब, और पश्चिम बंगाल के निवासी।
कैसे ठगते थे लोग?
कॉल सेंटर में तीन तरीकों से ठगी की जाती थी:
- लोन फर्जीवाड़ा:
- विदेशी नागरिकों को लोन दिलाने का झांसा दिया जाता था।
- पंजीकरण और अन्य शुल्क के नाम पर $100-$500 तक चार्ज लिया जाता था।
- फर्जी चेक भेजकर पहले ही सर्विस चार्ज वसूल लिया जाता था।
- टेक सपोर्ट फर्जीवाड़ा:
- कंप्यूटर सिस्टम में बग का फर्जी मैसेज भेजा जाता।
- कॉल सेंटर स्टाफ खुद को माइक्रोसॉफ्ट का अधिकारी बताता।
- टेक सपोर्ट के नाम पर पैसे वसूले जाते।
- पार्सल फर्जीवाड़ा:
- ग्राहकों को वॉयस नोट भेजा जाता कि उनका पार्सल डिलीवरी के लिए तैयार है।
- अकाउंट हैक होने की धमकी देकर नया अकाउंट बनाने के नाम पर पैसे ऐंठे जाते।
आरोपियों का नेटवर्क और तरीका
- डेटा खरीदना: आरोपी अमेरिकी नागरिकों का डेटा स्काईप एप के माध्यम से खरीदते थे।
- भुगतान: डेटा के लिए यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) में भुगतान किया जाता।
- सैलरी और इनसेंटिव: स्टाफ को ₹12,000 से ₹36,000 तक सैलरी दी जाती। सफल कॉल पर $100 का इनसेंटिव भी दिया जाता।