भारतीय न्याय संहिता (BNS) में शामिल किए गए नए अपराध

Rajiv Kumar

नई भारतीय न्याय संहिता (BNS) 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित किया गया है। यह बदलाव आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाता है।

यहाँ BNS में शामिल कुछ प्रमुख नए अपराधों की सूची दी गई है:

1. मॉब लिंचिंग: धारा 103(2) में पांच या अधिक व्यक्तियों द्वारा नस्ल, जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर हत्या को मॉब लिंचिंग माना जाएगा।

2. संगठित अपराध: धारा 111 अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पने और मानव तस्करी जैसे अपराधों को संगठित अपराध श्रेणी में रखता है।

3. आर्थिक अपराध: धारा 111(1) के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर अपराध और बड़े पैमाने पर विपणन धोखाधड़ी जैसे कृत्यों को आर्थिक अपराध माना जाएगा।

4. आतंकवादी कृत्य: धारा 113 आतंकवादी कृत्यों के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करता है।

5. आतंकवाद से संबंधित कृत्य: इसमें आतंकवादी संगठनों में शामिल होना, आतंकवादियों को शरण देना, उन्हें प्रशिक्षण देना और आतंकवादी कृत्यों से धन जुटाना शामिल है (धारा 113(4))।

6. सामुदायिक सेवा: छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा के बजाय अब सामुदायिक सेवा का विकल्प होगा (धारा 4(एफ))।

7. छोटे संगठित अपराध: धारा 112 चोरी, छीना-झपटी, धोखाधड़ी, टिकटों की कालाबाजारी, जुआ, परीक्षा पेपर लीक आदि जैसे अपराधों को इस श्रेणी में रखता है।

8. शादी का झूठा वादा: महिलाओं को यौन संबंध बनाने के लिए शादी का झूठा वादा करके छोड़ने वालों को 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है (धारा 69)।

9. देशद्रोह: राजद्रोह के स्थान पर ‘देश के खिलाफ अपराध’ (धारा 152) का एक नया प्रावधान है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है।

10. घृणित अपराध: धारा 103 में नस्ल, जाति या समुदाय के आधार पर हत्या को अलग अपराध माना गया है।

11. हिट एंड रन: धारा 106(2) के तहत हिट एंड रन मामलों में मृत्यु के लिए सजा 5 साल तक हो सकती है।

12. चिकित्सा लापरवाही: धारा 106(1) में इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा लापरवाही के कारण मृत्यु के लिए 2 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।

13. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा: धारा 70(2) में 18 वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है। गैंगरेप के लिए 20 साल या आजीवन कारावास (धारा 70(1))।

14. छिनैती: धारा 304(1) में चेन या मोबाइल फोन छीनने को नया अपराध बनाया गया है। सजा 3 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकती है।

15. डेटा चोरी: भारतीय न्याय संहिता में चोरी में डिजिटल वस्तुएं भी शामिल की गई हैं। धारा 337 के तहत चोरी की परिभाषा में अब डेटा चोरी और पहचान की चोरी भी शामिल है।

16. आत्महत्या का प्रयास करना अपराध: कानूनी शक्ति के प्रयोग को बाध्य करने या रोकने के लिए आत्महत्या का प्रयास करना अपराध है। धारा 226 कहती है कि जो कोई किसी सरकारी कर्मी को उसके आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने या मजबूर करने के इरादे से आत्महत्या करने का प्रयास करता है, उसे एक वर्ष तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों या सामुदायिक सेवा से दंडित किया जाएगा।

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