एमयूडीए घोटाला: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अपील पर हाईकोर्ट का नोटिस जारी
सीएम को जांच से राहत मिलेगी या नहीं?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर गुरुवार को राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। यह मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) साइट आवंटन घोटाले से जुड़ा है।
घोटाले का मुख्य बिंदु
सिद्धारमैया पर आरोप है कि उनकी पत्नी पार्वती बीएम को मैसूर के विजयनगर इलाके में 14 साइटें अनियमित रूप से आवंटित की गईं। यह संपत्ति विवादास्पद मानी जा रही है क्योंकि पार्वती का जमीन पर कोई कानूनी हक नहीं था।
एकल पीठ के फैसले का विरोध
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा सीएम के खिलाफ जांच को मंजूरी देने के निर्णय को वैध ठहराया था। राज्यपाल के इस आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री ने अपील की थी।
आगे की कार्रवाई
मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति के वी अरविंद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है।
पार्वती ने लौटाई जमीन
विवाद बढ़ने के बाद पार्वती ने एमयूडीए को पत्र लिखकर 14 साइटें वापस कर दीं। एमयूडीए ने इसे स्वीकार भी कर लिया।
ईडी और लोकायुक्त की जांच जारी
लोकायुक्त पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले में अलग-अलग जांच कर रहे हैं। ईडी ने 30 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की और प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की।