ISRO का ऐतिहासिक मिशन: क्यों खास है NVS-02 सैटेलाइट? लॉन्चिंग का समय तय

Rajiv Kumar

ISRO का ऐतिहासिक मिशन: क्यों खास है NVS-02 सैटेलाइट? लॉन्चिंग का समय तय

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ऐतिहासिक 100वें मिशन की तैयारी पूरी हो चुकी है। यह मिशन इसरो के नए चेयरमैन वी. नारायणन के कार्यकाल का पहला बड़ा प्रोजेक्ट है। नारायणन ने 13 जनवरी को चेयरमैन का पदभार संभाला था।

NVS-02 सैटेलाइट की भूमिका

बुधवार सुबह GSLV-F15 रॉकेट के माध्यम से नेविगेशन सैटेलाइट (NVS-02) को लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट परिवहन, हवाई और समुद्री यातायात को ट्रैक करने और मार्गदर्शन प्रदान करने में मददगार होगा। साथ ही, यह सैटेलाइट सैन्य अभियानों को भी बेहतर और सुरक्षित बनाएगा।
NVS-02 सैटेलाइट भारतीय उपमहाद्वीप और उसके आसपास के क्षेत्रों में सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करेगा। यह भारतीय भूभाग से 1,500 किलोमीटर आगे तक के क्षेत्रों को कवर करेगा।

लॉन्चिंग की तारीख और समय

इस मिशन के तहत जीएसएलवी (GSLV) रॉकेट अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-02 को लेकर 29 जनवरी को सुबह 6:23 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
2250 किलोग्राम वजनी इस सैटेलाइट को यूआर सैटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इसमें एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड और सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड लगाए गए हैं।

 

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