डोनाल्ड ट्रंप भारत के लिए फायदेमंद या नुकसानदायक? विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया साफ जवाब
\डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले चुके हैं। उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए थे। अब उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां उनकी ट्रंप से मुलाकात होगी। इसी बीच जयशंकर ने भारत-अमेरिका के मजबूत रिश्तों और वैश्विक कूटनीति पर अपनी राय रखी।
जयशंकर ने ट्रंप को बताया ‘अमेरिकी राष्ट्रवादी’
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में आयोजित एक संवाद सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप को ‘अमेरिकी राष्ट्रवादी’ बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं और दोनों देशों के संबंधों को किसी भी राजनीतिक परिवर्तन से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
क्या ट्रंप भारत के दोस्त या दुश्मन हैं?
सत्र के दौरान जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि डोनाल्ड ट्रंप भारत के मित्र हैं या शत्रु, तो उन्होंने एक दिलचस्प जवाब दिया। उन्होंने कहा,
“मैं हाल ही में उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ था। हमें वहां अच्छा व्यवहार मिला। मेरा मानना है कि वह एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं।”
ट्रंप की नीतियों से होंगे बड़े बदलाव
जयशंकर ने माना कि ट्रंप की नीतियों के कारण वैश्विक कूटनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन भारत की विदेश नीति हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों पर आधारित रहेगी।
भारत अपनी विदेश नीति को खुद तय करेगा
विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन कई चीजों को बदल सकता है, कुछ नीतियां सिलेबस से बाहर भी जा सकती हैं, लेकिन भारत को अपनी विदेश नीति अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप चलानी होगी। उन्होंने कहा,
“कुछ मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत और अमेरिका का सहयोग जारी रहेगा।”
मोदी और ट्रंप के बीच अच्छे संबंध
जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं, और पीएम मोदी और ट्रंप के बीच बेहतर आपसी समझ है।