Marriage Certificate: UP सरकार ने मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने के संबंध में बड़ा निर्णय लिया है। अब UP में मैरिज सर्टिफिकेट बनवाते समय पति-पत्नी को दहेज का विवरण भी देना होगा। दंपति को आवेदन फार्म के साथ दहेज का शपथ पत्र लगाना होगा। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। अभी तक मैरिज सर्टिफिकेट बनाने के लिए शादी कार्ड, आधार कार्ड, हाई स्कूल की मार्कशीट और 2 गवाहों के दस्तावेज की जरूरत होती थी।
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए शादी के 30 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। इसके आधार पर शादी का प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। वहीं, अगर शादी के पांच साल के भीतर तक लेट फीस के साथ आवेदन की सुविधा होगी। पांच साल से अधिक का समय बीतने के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन की छूट से संबंधित जिला रजिस्ट्रार ही दे सकता है।
शादी का सर्टिफिकेट कई महत्वपूर्ण स्थितियों में आवश्यक होता है:
- ज्वाइंट बैंक अकाउंट: शादी के बाद यदि आप ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, तो मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता होगी।
- पासपोर्ट आवेदन: पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय शादी के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है।
- बीमा: शादी के बाद बीमा कराने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट लगाना आवश्यक होता है।
- ट्रैवल वीज़ा या स्थाई निवास: यदि दंपति ट्रैवल वीज़ा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है।
- सरनेम न बदलने की स्थिति: यदि महिला शादी के बाद सरनेम नहीं बदलना चाहती, तो सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होता है।
- बैंक लोन: शादी के बाद किसी नेशनल बैंक से लोन लेने के लिए शादी का सर्टिफिकेट आवश्यक होता है।
- कानूनी मामले: किसी भी कानूनी मामले में मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होता है, जैसे कि यदि दंपति में से कोई एक शादी के बाद धोखा देकर भाग जाता है, तो शिकायत दर्ज कराने के लिए शादी का सर्टिफिकेट काम आता है।
- तलाक की अर्जी: तलाक की अर्जी लगाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। सिंगल मदर या तलाकशुदा महिलाओं को नौकरी में रिज़र्वेशन लेने के लिए तलाक का डॉक्यूमेंट दिखाना होता है।